Hindi, asked by poonampk7890021, 10 months ago

4. रावण वासना का प्रतीक है और हनुमान सेवा भावना के
प्रतीक हैं। रावण सीता माता का उपभोग करना चाहता था
और उन्हें राम से छीन लेना चाहता था। हनुमान सीता माता
को राम के पास वापस ले जाना चाहते थे। वासना का अर्थ है
स्वार्थ और प्रेम का अर्थ है ईश्वर की सेवा। किस तरह सेवा की
भावना इंद्रिय तृप्ति की प्रवृत्ति में परिवर्तित हो जाती है ? और
किस तरह जीव काम वासना की प्रवाह में बह जाता है ?
(गीता 3.37)
क. बुद्धि के उपयोग द्वारा
ग.स्वतंत्रता के दुरुपयोग द्वारा
ख.साधनों के दुरूपयोग द्वारा
घ.आवश्यकता से अधिक ऐश्वर्य द्वारा​

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Answered by SanrzDk
6

Answer:

ग. स्वतंत्रता के दुरुपयोग द्वारा

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