History, asked by sandeepmavaseh, 6 months ago

4. स्वदेशी आन्दोलन के महत्व और प्रभाव का वर्णन कीजिए।
Examine the importance and efforts of Swadeshi Mover​

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Answered by shivangimannsharma8
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Answer:

भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में एक महत्व पूर्ण आंदोलन है स्वदेशी आंदोलन। स्वदेशी का अर्थ है – अपने देश का। इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य था ब्रिटेन में बने माल का बहिष्कार करना तथा भारत में बने माल का अधिक प्रयोग करके साम्राज्यवादी ब्रिटेन को आर्थिक हानि पहुँचाना और भारत के लोगों के लिये रोजगार सृजन करना था।

Explanation:

स्वदेशी एवं बहिष्कार आंदोलन में आंदोलनकारियों ने विदेशी वस्त्रों की होली जलाई तथा अंग्रेज सरकार के समक्ष अपना विरोध प्रकट किया। चूंकि ब्रिटिश सरकार ने इस आंदोलन को दबाने के लिये दमन का सहारा लिया। फलतः सरकारी दमन के विरोध में उग्रवादी गतिविधियां प्रारंभ हो गयीं।

इस काल में महान राष्ट्रवादियों जैसे- रवींद्रनाथ टैगोर, रजनीकांत सेन, द्विजेंद्रलाल राय, मुकुंद दास, सैय्यद अबू मोहम्मद इत्यादि ने अनेक राष्ट्रवादी कविताओं एवं गीतों की रचना की जिससे भारतीयोंको अभूतपूर्व प्रेरणा मिली। इस अवसर पर रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा लिखित अमार सोनार बांग्ला नामक प्रसिद्ध गीत ने तो कालांतर में बांग्लादेश के स्वतंत्रता आंदोलन को अभूतपूर्व प्रेरणा दी तथा बांग्ला देश ने इसे राष्ट्रगान के रूप में अपनाया।

चित्रकला के क्षेत्र में रवींद्रनाथ टैगोर ने विक्टोरियन प्रकृतिवाद के वर्चस्व को तोड़ दिया तथा मुगल, अजन्ता एवं राजपूत काल की चित्रकला से प्रेरणा लेकर अनेक राष्ट्रवादी चित्रों का निर्माण किया। प्रसिद्ध भारतीय कला मर्मज्ञ नन्दलाल बोस ने भारतीय कला के प्रोत्साहन में महत्वपूर्ण योगदान दिया तथा 1907 में स्थापित इन्डियन सोसाइटी ऑफ़ ओरिएण्टल आर्ट की प्रथम छात्रवृत्ति पाने का गौरव हासिल किया।

विज्ञान के क्षेत्र में जगदीश चंद्र बोस, प्रफुल्लचंद्र राय एवं अन्य वैज्ञानिकों के अनेक महत्वपूर्ण अन्वेषण किये, जिनकी न केवल भारत में अपितु पूरे विश्व में प्रशंसा की गयी।

Answered by bhatiamona
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स्वदेशी आन्दोलन के महत्व और प्रभाव का वर्णन कीजिए।

स्वदेशी आन्दोलन: स्वदेशी का अर्थ है, (अपने देश का) |

स्वदेशी आंदोलन का कारण

स्वदेशी आंदोलन का कारण बंगाल विभाजन बना था|

स्वदेशी आन्दोलन की शुरुआत 7 अगस्त 1905 को कलकत्ता के टाउनहॉल से हुई थी|बंगाल विभाजन की खबर के बार आम से लेक सभी ने इसका विरोध और प्रदर्शन किया और इसके विरोध में स्वदेशी आन्दोलन शुरू हुआ|

स्वदेशी आन्दोलन के प्रभाव

स्वदेशी आन्दोलन के कारण लोगो में भी एकता की भावना जागृत हुई और सभी ने मिलकर ब्रिटिश साम्राज्य को खत्म करने का निर्णय लिया |

लोगों ने अपने बच्चों को ब्रिटिश विद्यालयों में भाग लेने के लिए रोक लगा दी|

विदेशी वस्तुओं और  सरकारी विद्यालय , नौकरी और अन्य सेवाओं का भी बहिष्कार करने में भूमिका निभाई|

महिलाओं ने भी इस आंदोलन में अहम भूमिका निभाई , विदेश से आने वाले सामान को उपयोग करने से मना कर दिया|

अपने देश में कच्चे मॉल का प्रयोग करके , अपने देश में वस्तुओं का उपयोग किया| भारतवासियों ने अपने मूल्य को समझा|

स्वदेशी आन्दोलन के महत्व

स्वदेशी आन्दोलन के कारण लोगो में भी एकता की भावना जागृत हुई |

विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करके लोगों ने अपने आप को आत्मनिर्भर बनाया| कई लघु और कुटीर उद्योगों का निर्माण किया | घर में वस्तुएं बनाना शुरू की| इससे भारतीय वस्तुओं और आमदनी में लाभ हुआ|

कई स्वदेशी वस्त्र मील ,साबुन और घरेलु उपयोगी वस्तुओं की मील , बैंक एवं बीमा कंपनियों का निर्माण हुआ और बहुत सी दुकाने खोली गई|

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