Hindi, asked by vkproxy45, 4 months ago

4.थोथे बादर क्वार के,ज्यों रहीम घहरात।
धनी पुरुष निर्धन भए, करें पाछिली बात॥
अर्थ-इस दोहे में कवि ने क्वार मास के बादलों का वर्णन किया है। रहीम
कहते हैं कि क्वार मास में आकाश में बिना पानी के खाली बादल केवल गरजते
हैं बरसते नहीं ठीक उसी प्रकार धनी पुरुष गरीब हो जाने पर भी अपने सुख के
दिनों की बातें याद करके घमंड भरी बातें बोलते रहते हैं।in english​

Answers

Answered by durgeshcharaya
29

Answer:

अर्थ : रहीम जी कहते हैं जिस प्रकार क्वार महीने में (बारिश और शीत ऋतू के बिच) आकाश में घने बादल दीखते हैं पर बिना बारिश किये वो बस खाली गडगडाहट की आवाज़ करते हैं उस प्रकार जब कोई अमरी व्यक्ति कंगाल हो जाता है या गरीब हो जाता है तो उसके मुख से बस घमंडी बड़ी-बड़ी बातें ही सुने देती हैं जिनका कोई मूल्य नहीं होता।

Answered by syed2020ashaels
5

अर्थ:

  • रहीम जी कहते हैं कि क्वार के महीने में (वर्षा और शीत ऋतु के बीच) आकाश में घने बादल छाए रहते हैं, पर वर्षा के बिना वे खाली गड़गड़ाहट ही करते हैं, उसी प्रकार जब धनी व्यक्ति दरिद्र हो जाता है या निर्धन हो जाता है। जब वह जाता है तो उसके मुख से बड़ी-बड़ी घमण्ड की ही बातें सुनाई पड़ती हैं, जिनका कोई मोल नहीं।
  • जैसे क्वार मास में जल से रहित बादल गरजते हैं, उसी प्रकार धनी व्यक्ति निर्धन हो जाने पर बार-बार अपने वचनों का गुणगान करता है।
  • चार महीने के बादल गरजते हैं, बरसे नहीं। उनका रोना ही उन्हें पिछले महीनों में हुई भारी बारिश की याद दिलाता है। धरती की सिंचाई नहीं कर सकते। इसी तरह एक व्यक्ति जो कभी बहुत अमीर था, वह अपने पुराने दिनों की बात करता है जब वह गरीब हो जाता है। इसी तरह, वह अपनी वर्तमान दयनीय स्थिति को ढंकने की कोशिश करता है।

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