Hindi, asked by aashach243, 1 month ago

5. ऐसा क्यों कहा जा रहा है? मनुष्य केवल शरिरिक शक्ति से काम नहीं लेता सामर्थ्य सोच मे भी होती है।​

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Answered by Anonymous
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Answer:

हिंसा और पापाचार का दानवी साम्राज्य इस बात का द्योतक है कि __ मानव की विचार-शक्ति, जो उसे पशु बनने से रोकती है, उसका साथ नहीं दे रही है। और उनके सभी साथी अंतरिक्षयात्री सुरक्षित बच जाते । अतः हम कह सकते हैं कि मानव जीवन का सबसे बड़ा नियामक घटक समय ही है।

Answered by Anonymous
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यह इसलिए कहा गया कि बरफ पड़ने के कारण दरें बरफ से भर गए थे। उनको पार करना बहुत कठिन था। उन्होंने सोचा कि यह धार तो केवल चौदह फुट की है परन्तु इससे पहले तो हमने सोलह फुट की धार पार की है। परन्तु मानव का पार करना इसलिए आसान होता है क्योंकि उसमें शारीरिक शक्ति के साथ-साथ सही सोचने का भी सामर्थ्य होता है। वह अपनी समझ का सहारा लेकर कठिन दरों को पार कर सकता है। परन्तु खच्चरों के पास शारीरिक शक्ति तो है पर सोचने की सामर्थ्य नहीं है।

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