5 informal letter in Hindi
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अनौपचारिक-पत्र की प्रशस्ति (आरम्भ में लिखे जाने वाले आदरपूर्वक शब्द), अभिवादन व समाप्ति में किन शब्दों का प्रयोग करना चाहिए-
(1) अपने से बड़े आदरणीय संबंधियों के लिए-
प्रशस्ति – आदरणीय, पूजनीय, पूज्य, श्रद्धेय आदि।
अभिवादन – सादर प्रणाम, सादर चरणस्पर्श, सादर नमस्कार आदि।
समाप्ति – आपका बेटा, पोता, नाती, बेटी, पोती, नातिन, भतीजा आदि।
(2) अपने से छोटों या बराबर वालों के लिए-
प्रशस्ति – प्रिय, चिरंजीव, प्यारे, प्रिय मित्र आदि।
अभिवादन – मधुर स्मृतियाँ, सदा खुश रहो, सुखी रहो, आशीर्वाद आदि।
समाप्ति – तुम्हारा, तुम्हारा मित्र, तुम्हारा हितैषी, तुम्हारा शुभचिंतक आदि।
अनौपचारिक-पत्र का प्रारूप-
(प्रेषक-लिखने वाले का पता)
………………
दिनांक ……………….
संबोधन ……………….
अभिवादन ……………….
पहला अनुच्छेद ………………. (कुशल-मंगल समाचार)
दूसरा अनुच्छेद ……….. (विषय-वस्तु-जिस बारे में पत्र लिखना है)
तीसरा अनुच्छेद ……………. (समाप्ति)
प्रापक के साथ प्रेषक का संबंध
प्रेषक का नाम …………….
Example 1 (उदाहरण 1) – (सलाह देने के लिए पत्र)
यदि आप परीक्षा भवन में बैठकर पत्र लिख रहे हैं तो आप अपने पते की जगह परीक्षा भवन लिखेंगे उदाहरण देखिए-
अपनी बहन को पत्र लिखकर योगासन करने के लिए प्रेरित कीजिए।
परीक्षा भवन,
अ. ब. स.
दिनांक- 27 अप्रैल, 2019
प्रिय बहन,
सदा खुश रहो।
मैं यहाँ कुशल हूँ, आशा है वहाँ पर भी सभी कुशल होंगें। अभी-अभी मुझे पिता जी का पत्र प्राप्त हुआ और उनसे घर के सभी समाचार ज्ञात हुए। साथ ही साथ यह भी पता चला कि तुम्हारा स्वास्थ्य कुछ ठीक नहीं है। अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखा करो।
तुम्हें तो पता ही है कि पहला सुख स्वस्थ शरीर को कहा जाता है। इसके लिए आवश्यक है कि तुम हमेशा योगासन किया करो। भाग-दौड़ भरी जिंदगी में व्यस्त रहने के कारण कोई भी स्वास्थ्य की ओर ध्यान नहीं देता। योग एक ऐसा माध्यम है जो शरीर को स्वस्थ रखने में महत्पूर्ण भूमिका निभाता है। इसलिए मैं तुम्हें यही सलाह दूँगी कि तुम नियमित रूप से योगा किया करो जिससे तुम्हारा शरीर चुस्त और फुर्तीला हो जाएगा और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ेगी।
आशा करती हूँ कि तुम मेरी इस सलाह को मानोगी तथा अपने जीवन में योग को महत्त्व दोगी। मुझे पूर्ण विश्वास है कि तुम जल्द ही स्वस्थ हो जाओगी। माता-पिता को प्रणाम और भाई को मेरा प्यार देना।
तुम्हारी बहन
आशा
Example 2 (उदाहरण 2) - (संवेदना पत्र)
अपने मित्र के पिता के सीमा पर शहीद हो जाने एक समाचार प्राप्त होने पर अपनी भावनाएँ व्यक्त करते हुए मित्र को संवेदना पत्र लिखिए।
34/160, राम नगर,
दिल्ली।
दिनांक-29.05.2019
प्रिय मित्र रमेश,
कल ही तुम्हारे पिता के सीमा पर शहीद हो जाने का समाचार प्राप्त हुआ, जिसे सुनकर मुझे बहुत दुःख हुआ। मैं पिछली बार जब तुम्हारे घर आया था, तब उनसे मिला था।
तुम्हारे पिता एक बहादुर सिपाही थे। जिन्होनें अपने प्राणों की परवाह न करते हुए देश में अपने प्राणों की आहुति दे दी। इस समाचार को सुन कर जहाँ एक और अपार दुःख हो रहा है वही दूसरी ओर गर्व भी महसूस हो रहा है। ईश्वर के आगे किसी की भी नहीं चलती है। हमारे जीवन की डोर उन्हीं के हाथों में हैं। मुझे आभास है कि पिता जी के आकस्मिक निधन से पुरे परिवार पर विपत्ति का पहाड़ टूट पड़ा है तथा जिम्मेदारी अब तुम पर आ गई है। तुम अपनी माँ तथा भाई को धीरज बाँधना साथ ही साथ स्वयं भी धैर्य के साथ कार्य करना।
मेरी ईश्वर से यह प्रार्थना है कि वह तुम्हें और तुम्हारे पुरे परिवार को दुःख की इस घड़ी में ताकत प्रदान करे। अंत में ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि वह दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे।
तुम्हारा मित्र
सुरेश।