Hindi, asked by ayushiloveall, 1 year ago

5 kabir ke dohe on anubhav / gyan with meaning

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Answered by mchatterjee
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१) पाथर‌ पूजै हरि मिले तो मैं पूछूं पात्र
घर की‌ चाकि कोई न पूजै जिसका पीसा खाय।

--- यदि पत्थर की पूजा करने से हरी मिलते हैं तो मैं पत्थर की ही पूजा करूंगा। वह कहते हैं कि जिस चक्की का पिसा हुआ आटा हम खाते हैं ।वह भी एक पत्थर है जिसका पूजा हम तनिक भी नहीं करते हैं।

२)ज्ञानी भुलै ज्ञान कथि निकट रहा निज रुप
बाहिर खोजय बापुरै, भीतर वस्तु अनूप।

ज्ञानी लोग अपना ज्ञान बहुत देते हैं उसके प्रभु उसके निकट हीं रहते है। मगर फिर भी वह प्रभु को बाहर ही खोजता है जबकी उसका हरी उसके अंदर ही रहता है।
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