5 lines on india gate in hindi.
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इंडिया गेट भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित एक द्वार है इसकी स्थापना 1931 में की गई थी इंडिया गेट की ऊॅचाई 43 मीटर है।
इंडिया गेट दिल्ली के राजपथ पर स्थित है राजपथ को प्राचीन समय में किंग्सवे के नाम से जाना जाता था।
इंडिया गेट दुनिया के सबसे बड़ा युद्ध स्मारकों में से एक है।
इंडिया गेट का डिजाइन सर एडवर्ड लुटियन्स ने बनाया था।
इंडिया गेट का निर्माण प्रथम विश्वयुद्ध में शहीद हुऐ 80,000 से अधिक भारतीय सैनिकों की याद में किया गया था।
इस गेट पर 13300 अधिकारियों और सैनिको के नाम अंकित हैं।
इंडिया गेट के नीचे शहीद सैनिकों की याद में राइफ़ल के ऊपर सैनिक की टोपी रखी गयी है।
इंडिया गेट के नीचे चारों कोनो पर अमर जवान ज्योति हमेशा जलती रहती है जिसे वर्ष 1971 में भारत पाक युद्ध में भाग लेने वाले सैनिकों की याद में स्थापित किया गया था।
इस अमर जवान ज्योति को वर्ष 1972 में गणतंत्र दिवस के मौके पर भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इसे जलाया था।
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इंडिया गेट दिल्ली के राजपथ पर स्थित है राजपथ को प्राचीन समय में किंग्सवे के नाम से जाना जाता था।
इंडिया गेट दुनिया के सबसे बड़ा युद्ध स्मारकों में से एक है।
इंडिया गेट का डिजाइन सर एडवर्ड लुटियन्स ने बनाया था।
इंडिया गेट का निर्माण प्रथम विश्वयुद्ध में शहीद हुऐ 80,000 से अधिक भारतीय सैनिकों की याद में किया गया था।
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इंडिया गेट के नीचे शहीद सैनिकों की याद में राइफ़ल के ऊपर सैनिक की टोपी रखी गयी है।
इंडिया गेट के नीचे चारों कोनो पर अमर जवान ज्योति हमेशा जलती रहती है जिसे वर्ष 1971 में भारत पाक युद्ध में भाग लेने वाले सैनिकों की याद में स्थापित किया गया था।
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Lamesoul:
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'इंडिया गेट' भारत का प्रसिद्द राष्ट्रीय स्मारक है। यह नई दिल्ली में स्थित है। इसे प्रसिद्ध वास्तुकार सर एडविन ल्यूटियन्स ने डिज़ाइन किया था। इसका निर्माण 1931 में हुआ था। 42 मीटर ऊँचा इंडिया गेट नई दिल्ली के राजपथ पर स्थित है।
यह स्मारक लाल बलुआ पत्थरों से बना हुआ है। मूल रूप से अखिल भारतीय युद्ध स्मारक के रूप में जाने जाने वाले इस स्मारक का निर्माण उन 90000 ब्रिटिश भारतीय सेना के सैनिकों की स्मृति में हुआ था जो प्रथम विश्वयुद्ध और अफ़ग़ान युद्धों में शहीद हुए। भारत की स्वतंत्रता के बाद अब इसे अमर जवान ज्योति के रूप में जाना जाता है। शहीद सैनिकों की स्मृति में यहाँ एक राइफ़ल के ऊपर सैनिक की टोपी रखी गयी है जिसके चार कोनों पर सदैव 'अमर जवान ज्योति' जलती रहती है।
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