5) 'मरजादा न लही' के माध्यम से कौन-सी मर्यादा न रहने की बात की जा रही है?
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Answer:
गोपियों ने अपने प्रेम को कभी किसी के सम्मुख प्रकट नहीं किया था। वह शांत भाव से श्री कृष्ण के लौटने की प्रतीक्षा कर रही थीं। कोई भी उनके दु:ख को समझ नहीं पा रहा था। वह चुप्पी लगाए अपनी मर्यादाओं में लिपटी हुई इस वियोग को सहन कर रही थीं कि वे श्री कृष्ण से प्रेम करती हैं। परन्तु इस उद्धव के योग संदेश ने उनको उनकी मर्यादा छोड़कर बोलने पर मजबूर कर दिया है। अर्थात् जो बात सिर्फ़ वही जानती थीं आज सबको पता चल जाएगी।
Answer:‐
काव्यांश में प्रेम की मर्यादा की बात कही जा रही है। प्रेम की मर्यादा है प्रेम के बदले प्रेम का प्रतिदान। कृष्ण से अनन्य प्रेम के कारण गोपियों को विश्वास था कि कृष्ण भी उनसे प्रेमपूर्वक व्यह्वार करेंगे परंतु कृष्ण ने गोपियों के लिए योग साधना का संदेश भेज दिया जिसे सुनकर गोपियों की विरह व्यथा बढ़ गई। उनके अनुसार श्री कृष्ण ने ही जब प्रेम की मर्यादा का पालन नहीं किया तो वे किस प्रकार धैर्य धारण कर सकती हैं।