5. निम्नलिखित श्लोकों का हिन्दी में अनुवाद लिखिए:-
i. उद्यमेन हि सिध्यन्ति कार्याणि न मनोरथैः ।
नहि सुप्तस्य सिहंस्य प्रविशन्ति मुखे मृगाः ।।
ii. यदा हि एकेन चक्रेण न रथस्य गतिर्भवेत् ।
एवं पुरूषकारेण विना दैवं न सिध्यति ।।
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i. - उद्यम से हि कार्य सफल होते हैं, ना कि मनोरथों से। ठीक उसी प्रकार सोए हुए शेर के मुख में हिरण नहीं आते
ii. - जैसे एक पहिये से रथ नहीं चल सकता है उसी प्रकार बिना पुरुषार्थ के भाग्य सिद्ध नहीं हो सकता है |
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