Hindi, asked by k13197, 5 months ago

5) स्वार्थ साधना की आँधी में नहीं भूलना है​

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Answered by Anonymous
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निर्माणोंके पावन युग में वसुधा का कल्याण भूलें, स्वार्थ-वासना की आंधी में हम चरित्र निर्माण भूलें... यह बात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने मोइनिया इस्लामिया विद्यालय में बुधवार को आयोजित युवा समागम में कही। इस समागम में शहर के कॉलेजों और यूनिवर्सिटी के 1500 युवकों ने भाग लिया।

उन्होंने कहा युवा पीढ़ी को अपने व्यक्तिगत स्वार्थों से ऊपर उठकर, परंपराओं से प्रेरणा लेकर देश समाज के प्रति अपने दायित्व का निर्वहन करना चाहिए। युवाओं को अपने कॅरियर की चिंता में राष्ट्र को नहीं भूलना चाहिए। होसबले ने कहा कि पाश्चात्य संस्कृति और आधुनिकीकरण एक-दूसरे के पर्यायवाची नहीं है, जो कुछ पश्चिम का है, वहीं आधुनिक है, इस तरह की धारणा का त्याग करना जरूरी है। हमें अपनी संस्कृति को आधार बनाकर आधुनिक बनने की ओर कार्य करना होगा।

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Answered by kumarbulbule
2

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स्वार्थ साधना की आंधी में वसुधा का कल्याण भूलें

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