5 shlok on environment in sanskrit
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Answer:
अधमाः धनमिच्छन्ति धनं मानं च मध्यमाः ।
उत्तमाः मानमिच्छन्ति मानो हि महताम् धनम् ॥
अर्थ- निम्न कोटि के लोग केवल धन की इच्छा रखते हैं, उन्हें सम्मान से कोई मतलब नहीं होता है.
जबकि एक मध्यम कोटि का व्यक्ति धन और मान दोनों की इच्छा रखता है. और उत्तम कोटि के लोगों
के लिए सम्मान हीं सर्वोपरी होता है. सम्मान, धन से ज्यादा महत्वपूर्ण होता है.कार्यार्थी भजते लोकं यावत्कार्य न सिद्धति ।
उत्तीर्णे च परे पारे नौकायां किं प्रयोजनम् ॥
अर्थ- जबतक काम पूरे नहीं होते हैं, तबतक लोग दूसरों की प्रशंसा करते हैं. काम पूरा होने के बाद लोग दूसरे व्यक्ति को भूल जाते हैं. ठीक उसी तरह जैसे, नदी पार करने के बाद नाव का कोई उपयोग नहीं रह जाता है.
Answer:
दशकूपसमा वापी दशवापी समो ह्रद:।
दशह्रदसम: पुत्रो दशपुत्रसमो द्रूम:।।
Explanation:
The shloka literally translates to:
"A pond is equal to ten wells; A reservoir is equal to ten ponds; A son is equal to ten reservoirs and A tree is equal to ten sons"
This shloka highlights the importance of trees. It is ultimately said that tree is greater than a son because, a son would take care of his family... but a tree gives shelter to everyone irrespective of who they are...