5. यदि अनुस्वार के पश्चात कोई पंचमाक्षर (ड,ण,न,म) आता है तो अनुस्वार का प्रयोग किस रूप में होता है?
a. मूल रूप
b. सम्
cबिंदु
d. चंद्रबिंदु
Answers
Explanation:
CBSE Class 9 Hindi B व्याकरण अनुस्वार एवं अनुनासिक
October 3, 2019 by Bhagya
CBSE Class 9 Hindi B व्याकरण अनुस्वार एवं अनुनासिक
CBSE Class 9 Hindi B व्याकरण अनुस्वार एवं अनुनासिक 1
अनुस्वार के उच्चारण में ‘अं’ की ध्वनि मुख से निकलती है। हिंदी में लिखते समय इसका प्रयोग शिरोरेखा के ऊपर बिंदु लगाकर किया जाता है। इसका प्रयोग ‘अ’ जैसे किसी स्वर की सहायता से ही संभव हो सकता है; जैसे – संभव।
इसका वर्ण-विच्छेद करने पर ‘स् + अं(अ + म्) + भ् + अ + व् + अ’ वर्ण मिलते हैं। इस शब्द में अनुस्वार ‘अं’ का उच्चारण (अ + म्) जैसा हुआ है, पर अलग-अलग शब्दों में इसका रूप बदल जाता है; जैसे
संचरण = स् + अं(अ + न्) + च् + अ + र् + अ + ण् + अ
संभव = स् + अं(अ + म्) + भ् + अ + व् + अ ।
संघर्ष = स् + अं(अ + ङ्) + घ् + अ + र् + ष् + अ
संचयन = स् + अं(अ + न्) + च् + अ + य् + अ + न् + अ
अनुस्वार प्रयोग के कुछ नियम
Answer: a. मूल रूप
Explanation:
यदि अनुस्वार के पश्चात् कोई पंचमाक्षर (ङ, ञ, ण, न, म) आता है, तो अनुस्वार का प्रयोग मूलरूप में किया जाता है। अनुस्वार का बिंदु रूप अस्वीकृत होता है; जैसे –
सम्+हार = संहार
सम्+सार = संसार
सम्+चय = संचय
सम्+देह = संदेह
सम्+ चार = संचार
सम्+भावना = संभावना
सम्+कल्प = संकल्प
सम्+जीवनी = संजीवनी
अनुस्वार के उच्चारण में 'अं' की ध्वनि मुख से निकलती है। हिंदी में लिखते समय इसका प्रयोग शिरोरेखा के ऊपर बिंदु लगाकर किया जाता है। इसका प्रयोग 'अ' जैसे किसी स्वर की सहायता से ही संभव हो सकता है; जैसे – संभव।
#SPJ3