50 words paragraph on riti rivaz of India in hindi
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तीसरा कारण : उनके आचार - विचार और रीति - रिवाजों में मूल अंतर तीसरी कारण यह है कि आचार - व्यवहार और रीति - रिवाजों में उनमें और हममें इतना अधिक भेद है कि वे हमारी वेश - भूषा , तौर - तरीकों और रिवाजों से अपने बच्चों को डराते हैं , यहां तक कि हमें राक्षस की संतान बताते हैं और हमारे कार्यकलाप को बुरा और अनुचित मानते
प्रकाशितवाक्य २१:४, ५) नये रीति-रिवाज में, स्वर्गीय राजा, यीशु मसीह, प्रेमपूर्ण रीति से एक “अनन्तकाल का पिता” हो के मानवजाति के सारे परिवार पर शासन करेगा।
शब्द सुनकर हमारे मन में कर्मकांडों और रीति - रिवाजों , धर्म ग्रंथों , मनुष्यों के एक खास समुदाय , कुछ खास मतों , नैतिक आदर्शों , श्रद्धा , प्रेम , भय , घृणा , दया , त्याग , तपस्या , उपवास , भोज कराने , प्रार्थना , प्राचीन इतिहास , विवाह , मृत्यु , परलोक , लडाई - झगडे और सिर फुटौवल वगैरह के दृश्य या भाव पैदा होते हैं .हिंदुस्तान की ब्रिटिश हुकूमत खुद - ब - खुद हिंदुओं और मुसलमानों के रीति - रिवाजों की सरपरस्त बन गयी है .hi यह साफ्ट पावर हमारी दार्शनिक परंपराओं, शांति, सामंजस्य एवं सह-अस्तित्व के हमारे संगत संदेश, हमारी परंपराओं एवं रीति-रिवाजों, टेक्सटाइल एवं पोशाकों, नृत्य एवं संगीत और वास्तव में हमारे व्यंजन के आकर्षक होने पर आधारित है।