Social Sciences, asked by hamalak3ri1shu, 1 year ago

500 words essay on kanyakumari in Hindi.

Answers

Answered by sidhu298
87
कन्या कुमारी तमिलनाडु प्रान्त के सुदूर दक्षिण तट पर बसा एक शहर है। यह हिन्द महासागरबंगाल की खाड़ी तथा अरब सागर का संगम स्थल है, जहां भिन्न सागर अपने विभिन्न रंगो से मनोरम छटा बिखेरते हैं। भारत के सबसे दक्षिण छोर पर बसा कन्याकुमारी वर्षो से कला, संस्कृति, सभ्यता का प्रतीक रहा है। भारत के पर्यटक स्थल के रूप में भी इस स्थान का अपना ही महत्च है। दूर-दूर फैले समुद्र के विशाल लहरों के बीच यहां का सूर्योदय और सूर्यास्त का नजारा बेहद आकर्षक लगता हैं। समुद्र बीच पर फैले रंग बिरंगी रेत इसकी सुंदरता में चार चांद लगा देता है।
कन्याकुमारी दक्षिण भारत के महान शासकों चोल, चेर, पांड्य के अधीन रहा है। यहां के स्मारकों पर इन शासकों की छाप स्पष्ट दिखाई देती है। इस जगह का नाम कन्‍याकुमारी पड़ने के पीछे एक पौराणिक कथा प्रचलित है। कहा जाता है कि भगवान शिव ने असुर बानासुरन को वरदान दिया था कि कुंवारी कन्या के अलावा किसी के हाथों उसका वध नहीं होगा। प्राचीन काल में भारत पर शासन करने वाले राजा भरत को आठ पुत्री और एक पुत्र था। भरत ने अपना साम्राज्य को नौ बराबर हिस्सों में बांटकर अपनी संतानों को दे दिया। दक्षिण का हिस्सा उसकी पुत्री कुमारी को मिला। कुमारी को शक्ति देवी का अवतार माना जाता था। कुमारी ने दक्षिण भारत के इस हिस्से पर कुशलतापूर्वक शासन किया। उसकी ईच्‍छा थी कि वह शिव से विवाह करें। इसके लिए वह उनकी पूजा करती थी। शिव विवाह के लिए राजी भी हो गए थे और विवाह की तैयारियां होने लगीं थी। लेकिन नारद मुनि चाहते थे कि बानासुरन का कुमारी के हाथों वध हो जाए। इस कारण शिव और देवी कुमारी का विवाह नहीं हो पाया। इस बीच बानासुरन को जब कुमारी की सुंदरता के बारे में पता चला तो उसने कुमारी के समक्ष शादी का प्रस्ताव रखा। कुमारी ने कहा कि यदि वह उसे युद्ध में हरा देगा तो वह उससे विवाह कर लेगी। दोनों के बीच युद्ध हुआ और बानासुरन को मृत्यु की प्राप्ति हुई। कुमारी की याद में ही दक्षिण भारत के इस स्थान को कन्याकुमारी कहा जाता है। माना जाता है कि शिव और कुमारी के विवाह की तैयारी का सामान आगे चलकर रंग बिरंगी रेत में परिवर्तित हो गया।
Answered by mabhigya
4

Explanation:

कन्याकुमारीहे एक तमिळनाडू राज्यातील कन्याकुमारी ह्या जिल्ह्यातील एक प्रमुख गांव आहे तसेच ते तमिळनाडू राज्यातील प्रसिद्ध धार्मिक व पर्यटन केंद्र देखील आहे. भारताच्या दक्षिण दिशेला असणार्या भूमीचा टोकावर असणारे हे गांव पूर्वी केप कॉमोरीन ह्या नावाने देखील ओळखले जाते.तसेच स्थानिक भाषेत (तमिळ) ह्याचा उच्चार कन्नीकुमरी असा देखील केला जातो. कन्याकुमारी जिल्ह्याचे प्रमुख प्रशासनिक केंद्र नागरकोविल (२२ कि.मी.दूर) व केरळची राजधानी तिरुवनंतपुरम (८५ कि.मी.दूर) ही दोन शहरे कन्याकुमारी ह्या गावापासून जवळच आहेत.भारतातील एक प्रमुख पर्यटन केंद्र असलेले कन्याकुमारी येथील विवेकानंद स्मारक, तिरुवल्लुवर पुतळा इत्यादी वास्तूंसाठी प्रसिद्ध आहे.

इतिहास

कन्याकुमारी हे नाव बंगालच्या उपसागर, अरबी समुद्र आणि हिंद महासागरच्या काठी वसलेल्या कुमारी अम्मन मंदिरापासून आहे. कुमारी हा द्रविड देवतांपैकी एक आहे जो हिंदू धर्माच्या अस्तित्वापूर्वी अस्तित्वात होता.

शतकानुशतके कन्याकुमारी कला व कलेचे केंद्र आहे. कन्याकुमारी हे एक व्यापार केंद्र देखील होते. कन्याकुमारीवर चेरा, चोल, पांड्या आणि नायक राजे होते. नंतर कन्याकुमारी पद्मनाभपुरम-आधारित वेनाडचा भाग बनली. १७२९ ते १७५८ पर्यंत वेनादवर राज्य करणाऱ्या अनिझम थिरुनल मार्थंडा वर्मा यांनी वेनादची सीमा अलुवा पर्यंत वाढवून त्रावणकोर स्थापित केल्यावर कन्याकुमारी जिल्हा दक्षिण त्रावणकोर म्हणून ओळखला जात असे. १७४१ मध्ये कुलाचलच्या प्रसिद्ध युद्धात राजा मार्थंडा वर्माने डच ईस्ट इंडिया कंपनीचा पराभव केला. कन्याकुमारी हे १९४७ पर्यंत त्रावणकोरचा भाग राहिले. १९४७ मध्ये त्रावणकोर भारतीय संघात सामील झाले आणि राजशाही संपुष्टात आली. १९४७ मध्ये, तिरु-कोची राज्य बनले तेव्हा कन्याकुमारी तिरु-कोचीचा एक भाग बनली. १९५६ मध्ये भाषेच्या आधारे राज्यांची पुनर्रचना केली गेली आणि कन्याकुमारीला तामिळनाडू राज्याचा भाग बनविले.

कन्याकुमारीच्या उंच कडावरील सूर्योदय व सूर्यास्त दृश्य हे त्या ठिकाणचे मुख्य आकर्षण आहे.

Similar questions