50example of pad parichay with anwser in hindi
Answers
* मेरा नाम क्षितिज है।
* मैं रायगंज में रहता हूँ।
* मैं शारदा विद्या मंदिर में पढ़ता हूँ।
* मुझे खेलना बहुत पसंद अच्छा लगता है।
इस प्रकार अपने बारे में बताने को परिचय देना कहते हैं। जैसे हम अपना परिचय देते हैं, ठीक उसी प्रकार एक वाक्य में जितने शब्द होते हैं, उनका भी परिचय हुआ करता है।वाक्य में जो शब्द होते हैं,उन्हें ‘पद’ कहते हैं।उन पदों का परिचय देना ‘पद परिचय’ कहलाता है।
पद परिचय में किसी पद का पूर्ण व्याकरणिक परिचय दिया जाता है। व्याकरणिक परिचय से तात्पर्य है-- वाक्य में उस पद की स्थिति बताना , उसका लिंग , वचन , कारक तथा अन्य पदों के साथ संबंध बताना।
पद पाँच प्रकार के होते हैं- संज्ञा , सर्वनाम , विशेषण , क्रिया तथा अव्यय । इन सभी पदों का परिचय देते समय हमें निम्नलिखित बिन्दुओं का ध्यान रखना चाहिए।
संज्ञा का पद परिचय
संज्ञा का पद परिचय देते समय निम्नलिखित पहलुओं की जानकारी देनी चाहिए :--
1.संज्ञा का भेद
2.लिंग
3.वचन
4.कारक
5.क्रिया के साथ पद का संबंध
जैसे- अपूर्वा पत्र लिखती है।
अपूर्वा -- व्यक्तिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्ता कारक, 'लिखती है' क्रिया का कर्ता।
पत्र -- जातिवाचक , पुल्लिंग , एकवचन , कर्मकारक , ‘लिखती है’ क्रिया का कर्म।
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सर्वनाम का पद परिचय
सर्वनाम का पद परिचय देते समय निम्नलिखित पहलुओं की जानकारी देनी चाहिए:-
1.सर्वनाम का भेद उपभेद
2.लिंग
3.वचन
4.कारक
5.क्रिया के साथ संबंध
जैसे- 1. गोलू ने उसे बहुत मारा।
मेघा और हम मेला देखने गए।
हम - पुरूषवाचक सर्वनाम,उत्तम पुरूष,पुल्लिंग,
बहुवचन, कर्ता कारक ‘देखने गए’ क्रिया का कर्ता।
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विशेषण का पद परिचय
विशेषण का पद परिचय देते समय निम्नलिखित पहलुओं की जानकारी देनी चाहिए:-
1.भेद,उपभेद
2.लिंग
3.वचन
4.कारक
5.विशेष्य
जैसे- क्षितिज पहली कक्षा में पढ़ता है।
*पहली- संख्यावाचक विशेषण , निश्चित संख्यावाचक विशेषण, स्त्रीलिंग , एकवचन , अधिकरण कारक, ‘कक्षा’ का विशेषण |
पद परिचय की परिभाषा :-
वाक्य में प्रयुक्त प्रत्येक सार्थक शब्द को पद कहते है तथा उन शब्दों के व्याकरणिक परिचय को पद परिचय- पद व्याख्या या पदान्वय कहते है। पद परिचय में उस शब्द के भेद, उपभेद, लिंग, वचन, कारक आदि के परिचय के साथ, वाक्य में प्रयुक्त अन्य पदो के साथ उसके सम्बन्ध का भी उल्लेख किया जाता है। उदाहरण :-
१) आज समाज में विभीषणों की कमी नहीं है।
विभीषणों(देशद्रोहियो) – संज्ञा (जातिवाचक) , बहुवचन , पुल्लिंग , संबंध कारक (कारक ‘की’)
२) रात में देर तक बारिश होती रहीं।
देर तक – क्रिया-विशेषण (कालवाचक)
३) हर्षिता निबंध लिख रही है।
लिख रही है – क्रिया (संयुक्त) , स्त्रीलिंग , एकवचन , धातु ‘लिख’ , वर्तमान काल , क्रिया का कर्ता ‘हर्षिता’ , क्रिया का कर्म ‘निबंध’
४) इस पुस्तक में अनेक चित्र है ।
अनेक – विशेषण (अनिश्चित संख्यावाचक ) , बहुवचन , पुल्लिंग , विशेष्य ‘चित्र ‘
५) गांधीजी आजीवन मानवता की सेवा करते रहे ।
आजीवन – क्रिया-विशेषण (कालवाचक)
अपने गाँव की मिट्टी छूने के लिए मै तरस गया ।
अपने – विशेषण ( सार्वनामिक ) , एकवचन , पुल्लिंग , विशेष्य ‘गाँव’
गाँव की – संज्ञा (जातिवाचक) , एकवचन , पुल्लिंग , संबंधकारक (कारक ‘की’)
मिट्टी – संज्ञा (द्रव्यवाचक)
मैं – सर्वनाम (उत्तम पुरुष ) , एकवचन , पुल्लिंग , ‘तरस गया’ क्रिया का कर्ता
तरस गया – क्रिया (अकर्मक , संयुक्त) , भूतकाल , एकवचन , पुल्लिंग , कर्तृवाच्य , कर्ता “मै”
निर्धन लोगो की ईमानदारी देखो ।
निर्धन – विशेषण (गुणवाचक) , बहुवचन , पुल्लिंग , विशेष्य ‘लोगो’
लोगो की – संज्ञा (जातिवाचक) , बहुवचन , पुल्लिंग , संबंध कारक (कारक ‘की’)
ईमानदारी – संज्ञा (भाववाचक) , कर्म कारक , ‘देखो ‘ क्रिया का कर्म
देखो – क्रिया (सकर्मक) , बहुवचन , धातु ‘देख’ , वर्तमानकाल , क्रिया का कर्म ‘ईमानदारी’
यह पुस्तक मेरे मित्र की है।
यह – विशेषण (सार्वनामिक) , एकवचन , स्त्रीलिंग ,विशेष्य ‘पुस्तक’
पुस्तक – संज्ञा (जातिवाचक ), एकवचन , स्त्रीलिंग , कर्म कारक , ‘है ‘ क्रिया का कर्म
मेरे – सर्वनाम (पुरुषवाचक – उत्तम पुरुष ) , पुल्लिंग , एकवचन , संबंधकारक
मित्र की – संज्ञा (जातिवाचक ), एकवचन , पुल्लिंग , संबंध कारक (कारक ‘की’) , ‘है ‘ क्रिया से संबंध
है – क्रिया , वर्तमानकाल , एकवचन
नेहा यहाँ इसी मकान में रहती है।
नेहा – संज्ञा (व्यक्तिवाचक संज्ञा) , स्त्रीलिंग ,एकवचन ,करता कारक , ‘नेहा’ रहना क्रिया की कर्ता है
यहाँ – क्रिया विशेषण (स्थानवाचक क्रिया विशेषण)
इसी – विशेषण (सार्वनामिक ) ,पुल्लिंग , एकवचन , विशेष्य – ‘मकान ‘
मकान में – संज्ञा (जातिवाचक ) ,पुल्लिंग ,एकवचन ,अधिकरण कारक (कारक ‘में’), मकान ‘रहना’ क्रिया का कर्म है
रहती है – क्रिया (सकर्मक ), स्त्रीलिंग ,एकवचन , अन्य पुरुष , वर्तमानकाल , कर्तृवाच्य , ‘रहती है ‘ क्रिया की कर्ता ‘नेहा ‘ और कर्म ‘मकान’ है
अरे वाह ! तुम भी पुस्तक पढ़ सकते हो।
अरे वाह ! – विस्मयादिबोधक , आश्चर्य का भाव
तुम – सर्वनाम (मध्यमपुरुष ), एकवचन , पुल्लिंग , कर्ताकारक , ‘पढ़ सकते हो ‘ क्रिया का कर्ता है
भी – निपात
पुस्तक – संज्ञा (जातिवाचक ) , स्त्रीलिंग , एकवचन , कर्मकारक , पुस्तक ‘पढ़ सकते हो’ क्रिया का कर्म है
पढ़ सकते हो – क्रिया ( सकर्मक ) , पुल्लिंग ,एकवचन , अन्य पुरुष , वर्तमानकाल , कर्तृवाच्य , क्रिया का कर्ता तुम व कर्म पुस्तक
शाम तक वर्षा हो सकती है।
शाम तक – क्रिया-विशेषण (कालवाचक) , हो सकती है क्रिया से संबंध
वर्षा – संज्ञा (जातिवाचक) , एकवचन , स्त्रीलिंग , अन्य पुरुष , कर्म कारक , ‘हो सकती है ‘ क्रिया का कर्म है
हो सकती है – क्रिया (सकर्मक ), स्त्रीलिंग , एकवचन , अन्य पुरुष , भविष्यकाल , कर्मवाच्य , क्रिया का कर्म ‘वर्षा ‘
मै क्रिकेट खेलता हूँ।
मै – सर्वनाम , (परुषवाचक – उत्तम पुरुष ), पुल्लिंग , एकवचन , कर्ता कारक , ‘खेलता हूँ ‘ क्रिया का कर्ता
क्रिकेट – संज्ञा , (जातिवाचक ) , एकवचन , पुल्लिंग , कर्म कारक , ‘खेलता हूँ ‘ क्रिया का कर्म
खेलता हूँ – क्रिया (सकर्मक ) , पुल्लिंग , एकवचन , उत्तम पुरुष , धातु – ‘खेल’ , वर्तमानकाल , कर्तृवाच्य , क्रिया का कर्ता ‘मै ‘, क्रिया का कर्म ‘क्रिकेट’
मयंक पतंग उड़ा रहा है।
मयंक – संज्ञा (व्यक्तिवाचक ) , पुल्लिंग , एकवचन , कर्ता कारक , ‘ उड़ा रहा है ‘ क्रिया से संबंध
पतंग – संज्ञा (जातिवाचक ), पुल्लिंग , एकवचन ,कर्म कारक ,’उड़ा रहा है ‘ क्रिया का कर्म
उड़ा रहा है – क्रिया(सयुंक्त क्रिया ) , एकवचन , पुल्लिंग , अन्य पुरुष ,’उड़ ‘ धातु , वर्तमानकाल , कर्तृ वाच्य , क्रिया का कर्ता ‘मयंक ‘ , क्रिया का कर्म ‘पतंग’
डाकिया पत्र लाता है।
डाकिया – संज्ञा(जातिवाचक ) , पुल्लिंग , एकवचन , कर्ता कारक , ‘लाता है ‘ क्रिया का कर्ता
पत्र – संज्ञा (जातिवाचक ) , पुल्लिंग , बहुवचन , कर्म कारक , ‘लाता है ‘ क्रिया का कर्म
लाता है – क्रिया(सकर्मक ) , पुल्लिंग , एकवचन ,अन्य पुरुष , ‘ला ‘ धातु , वर्तमानकाल , कर्तृ वाच्य , क्रिया का कर्ता ‘डाकिया ‘ , क्रिया का कर्म ‘पत्र ‘
यह उपहार मैं तुम्हें नहीं दे सकता हूँ।
यह – विशेषण (सार्वनामिक ) , एकवचन , पुल्लिंग , विशेष्य ‘उपहार ‘
उपहार – संज्ञा (व्यक्तिवाचक ) , पुल्लिंग , एकवचन , कर्म कारक , ‘ दे सकता हूँ ‘ क्रिया का कर्म
मैं – सर्वनाम (पुरुषवाचक – उत्तम पुरुष ) , पुल्लिंग , एकवचन , कर्ता कारक , ‘दे सकता हूँ’ क्रिया का कर्ता
तुम्हें – सर्वनाम (पुरुषवाचक – मध्यम पुरुष ) , पुल्लिंग , एकवचन , कर्म कारक , ‘दे सकता हूँ ‘ क्रिया का कर्म
नहीं – क्रिया-विशेषण (नकारात्मक ) , ‘दे सकता हूँ ‘ क्रिया से संबंध
दे सकता हूँ – क्रिया (सयुंक्त क्रिया ) , पुल्लिंग , एकवचन , उत्तम पुरुष , वर्तमानकाल , कर्तृ वाच्य , क्रिया का कर्ता ‘मैं ‘ , क्रिया का कर्म ‘उपहार ‘