6 हमने डरना
कभी न जाना
जीवन मूल्य
चितन - संदेश, वर्णन, कार्य
संबंध, विस्तृत विवरण, समस्या र
बाधाओं से न डरना
बढ़ते रहने की प्रेरणा
प्रकृति-प्रेम, लक्ष्य
कक्षा: Grade-4
नाम: Homensional
SUBJECT: हिन्दी
दिनांक:07-10-2020
I. दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए ।
१. इस कविता के कवि का क्या नाम है ?
इस विपिता की का
२. कविता के माध्यम से कवि ने क्या कहा है ?
३. हमें रास्ता कौन दिखाता है ?
हमने डरना कभी न जाना, आँधी से, तूफान से,
देखो, हम बढ़ते जाते हैं, कैसे अपनी शान से।
काँटे आते, उन्हें हटाते, तुरंत बनाते राह,
बड़े-बड़े रोड़ों की भी, करते न कभी परवाह।
सिर अपना ऊँचा रखते हैं, हरदम हम अभिमान से
हमने डरना कभी न जाना, आँधी से, तूफ़ान से।
दिन में राह बताता सूरज, फिर जब आती रात,
चाँद चाँदनी बिखराता है, करता हमसे बात।
हम ऐसे हरदम चलते हैं, राह देखते ध्यान से,
हमने डरना कभी न जाना, आँधी से, तूफान से।
मंज़िल पर ही रुकना हमको, हो कितनी भी दूर,
लंबी राह नहीं कर सकती, हमें कभी मजबूर।
हमको अपनी मंज़िल प्यारी, ज़्यादा अपनी जान से,
हमने डरना कभी न जाना, आँधी से, तूफ़ान से।
पैरों में छाले पड़ते हैं, पर न टूटता ध्यान,
हमें प्रेरणा हरदम देता, है मंज़िल का ज्ञान।
जहाँ पहुँच जाएँगे हम यों, चलते-चलते आन से,
हमने डरना कभी न जाना, आँधी से, तूफान से।
४. हमें किससे प्रेरणा मिलती है ?
५. किससे नहीं डरना जाना ?
६. आगे बढ़ने के रास्ते में कौन- कौनसी चीजें रूकावट पैदा करती हैं ?
-श्रीप्रसाद
७. कौन कभी मजबूर नहीं कर सकती और किस बात के लिए ?
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