6. (क) निम्नलिखित काव्य-पक्तियों में प्रयुक्त रस का नाम बताइए-
0 उधर गरजती सिंघु लहरियाँ, कुटिल काल के जालों-सी।
चली आ रहीं फेन उगलती, फन फैलाए व्यालों-सी।
(a) वह आता-
दो टूक कलेजे के करता, पछताता पथ पर आता।
पेट पीठ दोनों मिलकर हैं एक
चल रहा लकुटिया टेक,
मुट्ठी भर दाने को-भूख मिटाने को,
मुँह फटी-पुरानी झोली का फैलाता॥
(1) र नृप बालक कालबस, बोलत तोहि न सँभार।
धनुही सम त्रिपुरारिधनु, बिदित सकल संसार।
(ख) हास्य रस का स्थायी भाव क्या है?
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6.1)roudr ras
ka) Hathi jayse deh gode jayse jaal
garbuze se jopadi karbuze ki gaal
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