6. निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल।
बिन निज भाषा ज्ञान के, मिटै न हिय को सूल।
उपर्युक्त पंक्तियाँ किसके द्वारा रचित हैं ?
(क) हरिवंश राय बच्चन
(ग) रामधारी सिंह दिनकर
(ख) भारतेंदु हरिश्चंद्र
(घ) सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'
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( ग) रामधारी सिंह 'दिनकर' ' (23 सितम्बर 1908- 24 अप्रैल 1974) हिन्दी के एक प्रमुख लेखक, कवि व निबन्धकार थे।[1][2] वे आधुनिक युग के श्रेष्ठ वीर रस के कवि के रूप में स्थापित हैं।
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ग) रामधारी सिंह दिनकर..........
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