6. शंकर जैसे लड़के या उमा जैसी लड़की-समाज को कैसे व्यक्तित्व की ज़रूरत है? तर्क सहित
उत्तर दीजिए।
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All the details give in the LOC are correct.
In case any mistake is found in later stage, I will not hold school responsible for these mistakes
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आज के समाज को उमा जैसी लड़की की जरूरत है। शंकर जैसे लड़के समाज को किसी भी रुप में ऊंचा बनाने में अपना योगदान नहीं दे सकते। शंकर पढ़ा-लिखा तो जरूर है किंतु वह मानसिक एवं शारीरिक रुप से कमजोर है वह इतना दृढ़ नहीं है कि समाज को एक नई दिशा दे सके। दूसरी और उमा वर्तमान नारी की साक्षात प्रतिमूर्ति है। वह अन्याय का डटकर विरोध करने वाली है। उसमें रूढ़ियों और कुरीतियों से लड़ने की हिम्मत है । वह अन्याय को चुपचाप सहन कर उसे बढ़ावा देने वाली नहीं है। वह लड़का और लड़की के भेदभाव को समाप्त कर देना चाहती हैं। उमा समाज को एक नई दिशा देने में सक्षम है। अतः आज समाज को उमा जैसे व्यक्तित्व की आवश्यकता है।