6. वसीयत को मानना चाहिए-
(A) देयता
(C) पूँजीगत प्राप्ति
(B) आयगत प्राप्ति
(D) इनमें से कोई नहीं
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इसका सही जवाब होगा,
(A) देयता
व्याख्या :
वसीयत को देयता अर्थात दायित्व माना जाना चाहिए। वसीयत एक ऐसा दस्तावेज होता है जिसमें इच्छुक व्यक्ति अपनी संपत्ति को अपनी इच्छा अनुसार अपनी मृत्यु के पश्चात अपने मनोवांछित व्यक्ति को स्थानांतरित करने का करार करता है। इसलिए वसीयत को देयता की श्रेणी में मानना चाहिए। देयता या दायित्व से तात्पर्य आर्थिक लाभों का भविष्य में बलिदान करने से होता है। भविष्य में किसी भी तरह की आर्थिक लाभ की देनदारी बनती है वो देयता यानि दायित्व की श्रेणी में आती है।
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