Hindi, asked by riyakanwar692, 11 hours ago

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निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए
नभ में पाँती-बँधे बगुलों के पंख,
चुराए लिए जातीं वे मेरी आँखें।
कजरारे बादलों की छाई नभ छाया,
तैरती साँझ की सतेज श्वेत काया।
(क) 'पाँती बँधे बगुलों' का सौंदर्य स्पष्ट कीजिए।
(ख) बगुलों के पंख के शिल्प पक्ष का सौंदर्य स्पष्ट कीजिए।​

Answers

Answered by shishir303
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नभ में पाँती-बँधे बगुलों के पंख,  

चुराए लिए जातीं वे मेरी आँखें।  

कजरारे बादलों की छाई नभ छाया,  

तैरती साँझ की सतेज श्वेत काया।

(क) 'पाँती बँधे बगुलों' का सौंदर्य स्पष्ट कीजिए।

➲ कवि जब आकाश में छाए काले काले बादलों में एकदम सीधी सरल पंक्ति बनाकर उड़ रहे श्वेत बगुलों के सुंदर-सुंदर पंखों को देखता है तो वह कह उठता है कि आकाश में पंक्तिबद्ध उड़ रहे इन बगुलों को मैं एकटक देखते रहना चाहता हूँ। यह दृश्य नयनाभिराम है, जो मेरी आँखों को बहुत भाता है। इन पंक्तियों के माध्यम से कवि बगुलों के सौंदर्य को प्रकट किया है, और उस सौंदर्य से पड़ने वाले मन के भावों को प्रकट किया है।  

(ख) बगुलों के पंख के शिल्प पक्ष का सौंदर्य स्पष्ट कीजिए।

➲ जहां उपमेय में उपमान का आरोप हो वहां पर रूपक अलंकार प्रकट होता है। ‘तैरती साँझ की सतेज श्वेत काया’ इन पंक्तियों के माध्यम से कवि ने बगुलों के पंख में रूपक अलंकार आरोपित किया है।  

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Answered by vikaskanwar12345
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Answer:

Hiii Riya. aap kon se class ka exam dila rhe ho

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