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VIII. निम्नलिखित संकेत बिंदुओं के आधार पर 80 से 100 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखें.
क) गणतंत्र दिवस
दिन एवं उसका महत्व
गणतंत्र दिवस का महत्व
सरकारी कार्यक्रम
राजधानी में कार्यक्रम
ख) जल संकट
* मनुष्य जल पर निर्भर
* जल बिना जीवन नहीं
* जल संकट का स्वरूप
* जल संकट के कारण
Answers
गणतंत्र दिवस का महत्त्व
(i) 26 जनवरी के दिन का हमारे जीवन में अत्याधिक महत्त्व है। गणतंत्रता दिवस का पर्व हमारे अंदर आत्मगौरव भरने का कार्य करता है तथा हमें पूर्ण स्वतंत्रता की अनुभूति कराता है। यही कारण है कि इस दिन को पूरे देश भर में इतने धूम-धाम तथा हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
(ii) गणतंत्रता दिवस भारत के सबसे महत्वपूर्ण तीन राष्ट्रीय पर्वों (गणतंत्रता दिवस, स्वतंत्रता दिवस और गाँधी जयंती) में से एक है।
(iii) 26 जनवरी के दिन हमें हमारे संविधान का महत्व समझाता है। भले ही हमारा देश 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हो गया था, परन्तु इसे पूर्ण रुप से स्वतंत्रता की प्राप्ति 26 जनवरी 1950 को मिली जब सविधान लागू हुआ।
(iv) 26 जनवरी 1950 को जब हमारे देश का संविधान प्रभावी हुआ और हमारा भारत देश विश्व पटल पर एक गणतांत्रिक देश के रुप में स्थापित हुआ।
(v) आज के समय यदि हम स्वतंत्र रुप से कोई भी फैसला ले सकते हैं, तो ऐसा सिर्फ हमारे देश के संविधान और गणतांत्रिक स्वरुप के कारण संभव है।
(vi) हर जगह इसकी महत्ता अलग-अलग है। खासकर शिक्षण संस्थानों में इसे बहुत ही उत्साह पूर्वक मनाया जाता है। इस दिन शिक्षण संस्थानों में कई कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।
(vii) कई स्कूल जहाँ NCC (National Cadet Core) है, वहाँ इस दिन परेड भी होती है। कई छात्र और छात्राओं को पुरुस्कार तथा प्रमाण पत्र आदि से सम्मान किया जाता है।
गणतंत्र दिवस पर आयोजित समारोह
हाथ से हाथ मिलाएंगे और घर-घर तिरंगा फहराएंगे,
गर्व से हम गणतंत्र दिवस मनाएंगे।।
गणतंत्रता दिवस का समारोह हर साल 26 जनवरी को भारत सरकार द्वारा राष्ट्रिय स्तर पर दिल्ली में बड़ी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। इसके साथ ही गणतंत्रता दिवस के दिन किसी विशेष विदेशी अतिथि को आमंत्रित करने की भी प्रथा रही है। इस समारोह की तैयारियाँ भारत सरकार कई दिन पहले से ही शुरू कर देती है। गणतंत्रता दिवस से पहली संध्या को देश का राष्ट्रपति देश के नाम संदेश देता है। जिसका प्रसारण संचार के माध्यमों से किया जाता है।
गणतंत्रता दिवस का कार्यक्रम सुबह की शहीद ज्योति के अभिवादन से शुरू होता है, इसे देश के प्रधानमंत्री इण्डिया गेट पर प्रज्ज्वलित करके शहीद ज्योति का अभिनंदन करके देश के शहीदों को श्रद्धांजली अर्पित करते हैं।
उस स्थान पर प्रधानमंत्री और गणमान्य जन उनका हार्दिक स्वागत करते हैं। उसके बाद गणतंत्र दिवस की परेड का शुभारंभ किया जाता है जो बहुत ही दर्शनीय होती है। सेना के तीनों अंगों के जवानों के द्वारा अपने-अपने बैंडों की आवाज के साथ पद संचालन करते हुए तथा राष्ट्रपति को अभिवादन करते हुए परेड करते हैं।
इसके बाद युद्ध में प्रयुक्त होने वाले हथियारों की ट्रालियां आती हैं जो सेना में प्रयुक्त विविध रक्षा साधनों से सुसज्जित होती हैं। इसके बाद भारत की विभिन्न राज्यों को सम्बोधित कई तरह की सांस्कृतिक और पारंपरिक झांकिया निकाली जाती हैं, जो कि देखने में काफी मनमोहक होती हैं।
आखिर में वायु सेना के लड़ाकू विमान भी अपना अनुपम व विचित्र कौशल दिखाते हुए आकाश में विलीन हो जाते हैं। उक्त सारी सवारियाँ विजय चौक से शुरू होकर लाल किले तक पहुंचती हैं।
गणतंत्र दिवस समारोह का यह कार्यक्रम भारत की विदेश नीती के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस कार्यक्रम में आमंत्रित किये गये विभिन्न देशों के मुख्य अतिथियों के आगमन से भारत को इन देशों से संबंधों को बढ़ाने का मौका मिलता है।