7. 'साँवले सपनों की याद' शीर्षक की सार्थकता पर टिप्पणी कीजिए।
Answers
Answered by
77
Answer:
यह रचना लेखक जाबिर हुसैन द्वारा अपने मित्र सालिम अली की याद में लिखा गया संस्मरण है। पाठ को पढ़ते हुए इसका शीर्षक “साँवले सपनों की याद” अत्यंत सार्थक प्रतीत होता है। लेखक का मन अपने मित्र से बिछड़ कर दु:खी हो जाता है, अत: वे उनकी यादों को ही अपने जीने का सहारा बना लेते हैं।
Answered by
16
Answer:
मनुष्य प्रकृति और उसके अन्य अंगों-जंगलों, पहाड़ों, झरनों, तालाबों और यहाँ तक कि पक्षियों को भी प्रकृति की नज़र से नहीं देखते हैं। वे इन सबको मनुष्य की नज़र से देखते हैं जो लेखक के अनुसार उचित नहीं है। लेखक का मानना है कि ऐसा मनुष्य इन पक्षियों के मधुर संगीत और झरनों के कलकल बहते हुए पानी की मधुर धुन का अनुभव ही नहीं कर सकता है। लेखक के अनुसार ऐसा करना मनुष्य की सबसे बड़ी भूल है | उसे इन सबको प्रकृति की नज़र से देखना चाहिए।
Explanation:
Similar questions