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श्न-23 निम्नलिखित में से किसी एक पद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए-
"मेघ आये, बड़े बन-ठन के, सँवर के।
आगे-आगे नाचती-गाती बयार चली,
दरवाजे-खिड़कियाँ खुलने लगीं गली-गली,
पाहुन ज्यों आये हों गाँव में शहर के।
मेघ आये, बड़े बन-ठन के, सँवर के।।'
(अथवा)
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मेघ आए बड़े बन ठन के सवर के इसका अर्थ है बादल बहुत ही सा सवाल किया है हैं बरसने के लिए आगे आगे नाचते गाते बिहारशरीफ इसका अर्थ है कि हवा भी बादलों के साथ आ रही है दरवाजे खिड़कियां खुलने लगी गली-गली हवा के कारण दरवाजे खिड़कियां जो है वह खुलने लगी है राहुल जी ओ है जो गांव शहर में जो विदेशी लोग हैं वह याद है जो लोग गांव में आए हैं शहर से मेघा रे मेघा को दामाद के रूप में माना गया है इसलिए मैंने बड़े बन ठन के सुदामा जो है अपने ससुराल आया है बहुत ही बन ठन के
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