Social Sciences, asked by satyabharti1234567, 2 months ago

8. आयरन, कैल्शियम, अन्य सूक्ष्म पोषक तत्वों और रौगेज से भरपूर बाजरा का एक प्रकार है​

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Answered by alanw5926
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Explanation:

बाजरा ऐसा अनाज है जिसकी जानकारी मानव को बहुत पहले है। यह अनाज आकार में छोटा और कठोर होता है जो कम सिंचाई सुविधा वाले सूखे इलाकों में उग सकता है। यह ऐसी मिट्टी में भी उग सकता है जो कम उपजाऊ और कम नमी वाली होती है। इसके पकने में कम समय लगता है और 65 दिनों में तैयार हो जाता है। यह बाजरे की फसल का ऐसा गुण है जो बहुत महत्वपूर्ण और दुनिया में घनी आबादी वाले इलाकों के लिए उपयुक्त है। इसका भंडारण अगर ठीक से किया जाए तो बीच दो वर्षो तक या इससे ज्यादा तक चलता है।

पोषक तत्वों से भरपूर

बाजरा अधिकांशत: बहुत पोषक होता है और इसमें लसलसापन नहीं होता। इससे अम्ल नहीं बन पाता और यह आसानी से हजम हो जाता है। लसलसे पदार्थ से मुक्त होने के कारण यह उन लोगों को बहुत माफिक आता जो पेट की बीमारियों से पीडित होते हैं। बाजरे की रोटी अधिक दिनों तक खाने से इसमें निहित ग्लूकोज धीरे-धीरे निकलता है और इस प्रकार से यह मधुमेह से पीड़ित लोगों को भी अनुकूल पड़ता है।

यही नहीं, बाजरे में लोहा, कैल्सियम, जस्ता, मैग्निसियम और पोटाशियम जैसे तत्व अच्छी मात्रा मे होते हैं। रागी में काफी मात्रा में कैल्सियम मिलता है और बाजरा में लौह तत्व होता है। इसमें काफी मात्रा में वह फाईबर मिलता है जो भोजन में जरूरी होता है और तरह-तरह के विटामिन होते हैं (कैरोटिन, नियासिन, विटामिन बी6 और फोलिक एसिड) इसमें मिलने वाला प्रचुर मात्रा में लेसीथीन शरीर के स्नायुतंत्र को मजबूत बनाता है। अत: नियमित रूप से बाजरा खाने से भारत की आबादी का अधिकांश भाग कुपोषणमुक्त हो सकता है। हालांकि बाजरे को मोटा आनाज कहा जाता है लेकिन पोषण तत्वों में समृद्ध होने के कारण इस अनाज को न्यूट्रिया मिलेट्स / न्यूट्रिया सीरियल्स कहा जाता है।

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