8. बातचीत की उछलतीगेंद चर्चा के क्षेत्र के सभी कोनों से टप्पे
खाकर फिर सेंटर में आकर चुपचाप पड़ी हैं - तुम कब
जाओगे अतिथि पाठ के आधार पर कथन का आशय स्पष्ट
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बातचीत की उछलतीगेंद चर्चा के क्षेत्र के सभी कोनों से टप्पे खाकर फिर सेंटर में आकर चुपचाप पड़ी है - तुम कब जाओगे अतिथि पाठ के आधार पर कथन का आशय स्पष्ट कीजिए |
लेखक ने अतिथि से परिवार , बच्चे नौकरी , फ़िल्म , रजनिति , रिश्तेदार , तबादले , पुराने दोस्त , परिवार नियोजन , मंहगाई , साहित्य और यहाँ तक कि आँख मार-मारकर हमें पुरानी प्रेमिकाओं का भी जिक्र कर लिया | चर्चा के सभी विषय पर बात हो गई थी | अतिथि और लेखक की बातचीत की उछलती हुई गेंद चर्चा के क्षेत्र के सभी कोनलों से टप्पे खाकर फिर सेंटर से आकर चुप पड़ी है |
सभी विषयों में बात होने के बाद भी अतिथि का जाने का मन नहीं था | लेखक को लग रहा था कि अतिथि बातों ए ज्यादा खो गया है , वह यही हम जाएगा | एक ही बात-बात पर करने से उसे बोरियत भी लगे होनी | यदि अतिथि खुशी से चला जाता , तो लेखक के मन में कोई स्थिति उत्पन्न नहीं होती |
Explanation:
- लेखक ने अतिथि से घर-परिवार, दोस्तों, नौकरी, राजनीति, फिल्म, साहित्य, परिवार नियोजन, महँगाई और पुरानी प्रेमिकाओं तक के विषय में काफी बातें कर ली थीं। अब उनके सारे विषय खत्म हो चुके थे।