English, asked by brijeshsingh12911, 5 months ago

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बूद न ताका लागा।
प्रीति-नदी मै पाउं न बोरयौं, दृष्टि न रूप परागी।
"सूरदास” अबला हम भोरी, गुर चांटी ज्यौं पागी।
(1) गोपियां किसे बड़भागी कहती हैं और क्यो?
(2) अपरस रहत सनेह तगा तै का क्या आशय है?
(3) पुरइनि पात और तेल की गागर के उदाहरण क्यों दिए गए है?
(4) प्रीति नदी क्या है? इसमें किसने पैर नही डुबोए?
(5) इस काव्यांश में किस भाषा का प्रयोग हुआ है?
प्रश्न 2 निम्न गद्यांश को पढ़कर दिये गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए--
हालदार साहब की आदत पड़ गई हर बार कस्बे से गुजरते समय च
और मूर्ति को ध्यान से देखना.) एक बार जब कौतुहल दुर्दमनीय हो -
लिया, क्यों भाई क्या बात है? यह तुम्हारे नेताजी का चश्मा हर बा
वाले के मुंह में खुद पान टुसा हुआ था। वह एक काला मोटा 3
हालदार साहब का प्रश्न सुनकर वह आंखों में हंसा। उसकी तोंद
दुकान के नीचे पान थूका और अपनी लाल काली सी बत्तीसी दिखा
करता है।
(1) हालदार साहब की आदत क्या पड़ गई थी?
(2) पान वाला कैसा व्यक्ति था?
(3) चश्मे को बदलने का काम कौन करता था?
प्रश्न निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(1) सेनानी न होते हुए भी चश्मेवाले को लोग कैप्टन नोंकडते ?​

Answers

Answered by lakshaysardana2907
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Explanation:

mujhe nhi pata sorry

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