8. जिन प्रश्नों में विकल्प दिए गए है उनके लिए सही विकल्प का चयन कीजिए।
9. इनके अतिरिक्त आवश्यकतानुसार, प्रत्येक खंड और प्रश्न के साथ यथाचित निर्देश दिए गए हैं।
भाग-(क)
1. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दो :-
स्वच्छ शरीर व्यक्तित्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। त्वचा के असंख्य छिदी को साफ करने का अचूक साधन मानकर मनुष्ट
सान या नहाने की प्रथा बनाई। उसने स्नान करना शुरु किया। स्नान करने से रक्त संचार बढ़ता है। तरावट और ताज़गी आती है
आलस्य दूर भाग जाता है। यही कारण है कि भारत में यह चलन पीढ़ी दर पीढ़ी निभाया जा रहा है। प्राचीन कालीन सभ्यता में ह
से लेकर वर्तमान काल यानी आज तक कोई भी सभ्यता स्तान की उपयोगिता पर प्रश्न चिह्न नहीं लगा सकी।
1. स्वच्छ शरीर किसका हिस्सा होता है?
2. सुंदर व्यक्तित्व के लिए क्या आवश्यक है?
3. मनुष्य ने स्नान की प्रथा क्यों बनाई?
4. 'त्वचा' और 'तरावट' शब्दो के अर्थ लिखें।
5. इस गद्यांश का उचित शीर्षक लिखें।
2. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर प्रश्नो के उत्तर दे:
खड़ा हिमालय बता रहा है, डरो न आँधी पानी में
डटे रहो तुम अपने पथ पर, सब संकट तूफानों में ।
डिगो न अपने पथ से तुम, तो सब कुछ पा सकते हो प्यारे,
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1 स्वच्छ शरीर व्यक्तित्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है।
2 तरावट और ताज़गी आती है आलस्य दूर भाग जाता है। यही कारण है कि भारत में यह चलन पीढ़ी दर पीढ़ी निभाया जा रहा है।
3 त्वचा के असंख्य छिदी को साफ करने का अचूक साधन मानकर मनुष्ट सान या नहाने की प्रथा बनाई।
4 त्वचा means skin तरावट' means ताज़गी
5 स्वच्छ शरीर
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