Hindi, asked by suniltty180, 11 months ago

8 कस्बों, शहरों, महानगरों के चौराहों पर किसी न किसी क्षेत्र के प्रसिद्ध व्यक्ति की मूर्ति लगाने का
प्रचलन-सा हो गया है।
(क) इस तरह की मूर्ति लगाने के क्या उद्देश्य हो सकते हैं?
(ख) आप अपने इलाके के चौराहे पर किस व्यक्ति की मूर्ति स्थापित करवाना चाहेंगे और क्यों?
(ग) उस मूर्ति के प्रति आपके एवं दूसरे लोगों के क्या उत्तरदायित्व होने चाहिए?

Answers

Answered by AbsorbingMan
150

Answer:

(क) इस प्रकार की मूर्ति लगाने के कई कारण हो सकते हैं -

  •  लोगों को प्रेरणा देने के लिए।
  • उन महान व्यक्तियों के त्याग तथा बलिदान को अमर रखने के उद्देश्य से।
  • ऐसे लोगों का सम्मान करने के उद्देश्य से।

(ख) हम अपने इलाके के चौराहे पर महात्मा गाँधी की मूर्ति स्थापित करवाना चाहेंगे।

क्योंकि उन्होंने हमारे देश को आज़ाद करवाने में मुख्य भूमिका निभाई। उन्होंने हिंसा को त्याग कर अहिंसा के पथ को प्रधानता दी।

(ग) मूर्ति के प्रति हमारे तथा समाज के अन्य लोगों के कुछ उत्तरदायित्व हैं। हमें मूर्ति का सम्मान करना चाहिए क्योंकि ये मूर्ति किसी सम्माननीय व्यक्ति का प्रतीक है। हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि किसी भी प्रकार से मूर्ति का अपमान न हो, मूर्ति की ज़रुरतों को पूरा करना हमारा कर्त्तव्य है।

Answered by junaidkhan52
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Explanation:

क) समाज सेवा, देश सेवा या ऐसे ही अन्य क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रसिद्ध व्यक्तियों की मूर्ति प्रायः कस्बों, चौराहों, महानगरों या शहरों में लगाई जाती हैं। ऐसी मूर्तियाँ लगाने का उद्देश्य सजावटी न होकर उद्देश्यपूर्ण होता

• लोग ऐसे लोगों के कार्यों को जाने तथा उनसे प्रेरित हों

• लोगों में अच्छे कार्य करने की रुचि उत्पन्न हो और वे उसके लिए प्रेरित हों।

• लोग ऐसे लोगों को भूलें न तथा उनकी चर्चा करते हुए युवा पीढ़ी को भी उनसे परिचित कराएँ।

(ख) मैं अपने इलाके के चौराहे पर चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा लगवाना चाहूँगा ताकि लोगों विशेषकर युवावर्ग को अपने देश के लिए कुछ कर गुजरने की प्रेरणा मिले। वे अपनी मातृभूमि पर आंच न आने दें और अपने जीते जी देश को गुलाम होने से बचाने के लिए अपने प्राणों की बाजी लगाने से भी न हिचकिचाएँ। इसके अलावा युवाओं में देश-प्रेम और देशभक्ति की भावना बलवती रहे।

(ग) चौराहे या कस्बे में लगी समाज सेवी या अन्य उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्ति की प्रतिमा के प्रति हमारा तथा अन्य लोगों का यह उत्तरदायित्व होना चाहिए कि

• हम उसकी साफ़-सफ़ाई करवाएँ।

• साल में कम से कम एक बार वहाँ ऐसा आयोजन करें कि लोग वहाँ एकत्र हों और उस व्यक्ति के कार्यों की चर्चा की जाए।

• उस व्यक्ति के कार्यों की वर्तमान में प्रासंगिकता बताते हुए उनसे प्रेरित होने के लिए लोगों से कहें।

• मूर्ति के प्रति सम्मान भाव बनाए रखें।

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