Hindi, asked by vipinchouhan385, 5 months ago

8. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
"घर में विधवा रही पतोहू,
लछमी थी, यद्यपि पति घातिन,
पकड़ मँगाया कोतवाल ने,
डूब कुएँ में मरी एक दिन।
खैर, पैर की जूती, जोरू.
न सही एक, दूसरी आती,
पर जवान लडके की सुध कर
साँप लोटते, फटती छाती।
(क) किसान की बहू को 'लछमी थी, यद्यपि पति घातिन' क्यों कहा गया है ?
(ख) इस कविता में मारी के प्रति व्यक्त विचारों पर टिप्पणी लिखिए-
(ग) काव्यांश में प्रयुक्त दोनो मुहावरों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए-​

Answers

Answered by pinki12
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Explanation:

Explanation:

(क) किसान की बहू को ‘लछमी थी, यद्यपि पति घातिन' क्यों कहा गया है

प्रस्तुत पंक्तियां में आंखें कविता में किसान के उजड़े हुए घर का वर्णन करने के लिए सुमित्रानंदन पंत द्वारा लिखी गई है इन पंक्तियों में किसान की वेदना तो है ही साथ साथ समाज और परिवार में स्त्री के प्रति बुरी भावना का भी परिचय मिलता है कवि स्थिति से पाठक को अवगत कराना चाहता है

विपरीत परिस्थितियों में अनेक आर्थिक संकटों के चलते किसान अपनी पत्नी पुत्र पुत्री बैलों की जोड़ी आदि को खो चुका है अब उसके घर में केवल उसके मृत पुत्र की विधवा बहू बची है परिवार की उजड़ी हुई दशा को सहन कर पाना बड़ा ही कठिन है किसान और बहू के को घर की लक्ष्मी के रूप में लाया था पर आज से पति का घात करने वाली के प्रति नफरत किया जा रहा है ग्रामीण कृषक संस्कृति और समाज में स्त्री से पूर्व उसके पति की मृत्यु का हो जाना अच्छा नहीं माना जाता और स्मृतियों का दोषारोपण उस स्त्री पर ही किया जाता है इसी बात का परिचय देते हुए पंत जी ने सामाजिक स्थिति का परिचय देने का प्रयास किया है पाठक के समक्ष एक सामाजिक चित्र खींचा है

(ख) इस कविता में मारी के प्रति व्यक्त विचारों पर टिप्पणी लिखिए-

कवि नारी के प्रति रुकने सामाजिक मानसिकता को दर्शाता है पुत्र की हत्या हो जाने के पश्चात किसान अपनी पतोहू मारी को गृहलक्ष्मी स्वीकार ता था पर अब प्रतिघात इनके आता है सुरक्षा के लिए तैनात सरकारी मुलाजिम कोतवाल जब उस विधवा मारी कि उसको बुलाता है तो तो वह कुएं में कूदकर आत्महत्या कर लेती है इस प्रकार वह कोतवाल उस विधवा मारी की मृत्यु का कारण बनता है किसान अपने पशुओं की मौत से इतना दुखी नहीं है वह कहता है कि औरत तो पैर की जूती के समान है एक नहीं रही तो दूसरी आएगी पर पुत्र की मौत याद आते ही दुख से उसकी छाती फटने लगती है इन्हें पढ़कर पाठक को स्पष्ट हो जाता है कि आज भी हमारा समाज संकीर्ण मानसिकता से ऊपर नहीं उठ पाया है और नारी को समाज में आज भी उचित सम्मान नहीं मिल रहा है

(ग) काव्यांश में प्रयुक्त दोनो मुहावरों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए-

O

सांप लोटना- रमेश को कक्षा में प्रथम आया देख मोहन की छाती पर सांप लोटने लगे

फटती छाती -अपने इकलौते पुत्र की मृत्यु देख किसान की छाती फटने लगी

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