8. पुस्तकालये
अस्ति।
शताधिकानि
O पुस्तकालयस्य
0 0 0 0
O कपाटिकायां
Answers
Answered by
4
Answer:
भिक्षुक कविता महाप्राण निराला जी द्वारा लिखी गयी है . प्रस्तुत कविता में कवि एक भिखारी और उसके दो बच्चों की दयनीय अवस्था का वर्णन किया है . भिखारी से पेट और पीठ भुखमरी के कारण एक हो गए है . ... भिक्षुक की दीनता को देख कर कवि उनके प्रति अपनी सहानुभूति प्रकट करता है.
THANK YOU...IT MAY HELP YOU...BYE...
Similar questions