8-सागर के रास्ता छोड़ने का क्या अभिप्राय है?
(a) सागर का अहंकार चूर होना
(c) बड़ी से बड़ी बाधा दूर हो जाना
(b) काम बन जाना
(d) शत्रु पर विजय पाना
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(c) बड़ी से बड़ी बाधा दूर हो जाना |
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सागर के रास्ता छोड़ने का अभिप्राय है बड़ी से बड़ी बाधा दूर हो जाना।
विकल्प ( C)
- उपुर्युक्त प्रसंग " साथी " हाथ बढ़ाना कविता से लिया गया है।
- इस गीत के कवि है साहिर लुधयानवी।
- गीतकार का कहना है कि इंसान मेहनत के सहारे अपना भाग्य बदल सकता है।
- एक से एक मिलते चले जाने पर राई का पहाड़ बस जाता है ।
- मेहनत करने वाले किस्मत की रेखा बदल सकते है। उनकी सारी बाधाएं दूर हो जाती है। पर्वत भी सीस झुकाता हूं।
- हमें अपने आप कर भरोसा रखकर आगे बढ़ना चाहिए। हमारी मेहनत रंग लाएगी।
- कवि कहते है कि सत्य हमारी मंजिल है। हमारा रास्ता नेक है।
- हम सब जा दुख और सुख एक ही है ।
#SPJ3
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