Physics, asked by meghnachhetri765, 7 hours ago

8. धात्विक चालक से प्रवाहित धारा तीन गुनी हो जाती है जबकि उसका प्रतिरोध और समय स्थिर रहता है। इस स्थितियों में, कंडक्टर में उत्पन्न उस्म -एक कारक से बढ़ जाएगी​

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Answered by abhi178
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धात्विक चालक से प्रवाहित धारा तीन गुनी हो जाती है जबकि उसका प्रतिरोध और समय स्थिर रहता है।

इस स्थितियों में, कंडक्टर में उत्पन्न उष्मा एक कारक से बढ़ जाएगी ?

  • किसी कंडक्टर में उत्पन्न उष्मा उस कंडक्टर में प्रवाहित धारा के वर्ग , कंडक्टर के प्रतिरोध और लगे समय के समानुपाती होता है

अर्थात, H = i²Rt

यहाँ , H कंडक्टर में उत्पन्न उष्मा , i कंडक्टर से प्रवाहित धारा R कन्डक्टर के प्रतिरोध और t समय को दर्शाता है ।

चूंकि, धात्विक चालक (कंडक्टर) से प्रवाहित धारा तीन गुनी हो जाती है जबकि उसका प्रतिरोध और समय स्थिर रहता है ।

इसीलिए, चालक में उत्पन्न उष्मा , H₁/H₂ = i₁²/i₂²

∵ i₂ = 3i₁

∴ H₁/H₂ = i₁²/(3i₁)² = 1/9

⇒H₂ = 9H₁

अतः चालक यानी कंडक्टर में उत्पन्न उष्मा , नौ गुनी हो जाएगी ।

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