Hindi, asked by patelvishnu02018, 5 months ago

80 शब्दों का अनच्ुछेद ललखखए –

आत्मववश्वास : एक अद्भिु शजक्ि​

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Answered by Ronakvadhwani
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Answer:

आलश्य एक ऐसा भाव है जो मनुष्य को कार्य करने की इज़ाज़त नहीं देता अर्थात मनुष्य कोई भी काम नहीं करना चाहता। उसे कोई भी कार्य करना अच्छा नहीं लगता शिवाय आराम फरमाने के। आलस मनुष्य को दुर्गम मार्ग पर ले जाता है। आलसी मनुष्य को अपने कुर्शी से उठने में भी कठिनाई होती है। उसे लगता है की उसका काम कोई दूसरा व्यक्ति कर दे तो उसकी नींद पूरी हो जाए। अब बताइये आलसी मनुष्य अपना दुश्मन खुद ही बन जाता है। उसे परिश्रम का महत्व समझ nai ata .

मनुष्य में कई तरह के दोष है जैसे, लालच, क्रोध, हिंसा, जलन आदि लेकिन सबसे भयानक आलस का रोग है। आलस मनुष्य को असफलता के राह पर ले जाता है। असफलता, अवनति और विनाश आलसी मनुष्य के परिणाम है। शेर भी जंगल में शिकार करके अपनी भूख मिटाता है। शेर जंगल का राजा होता है लेकिन वह भी परिश्रम करके जानवर का शिकार करता है। कहने का तात्पर्य है बिना कोई काम किये किसी को जीवन में लक्ष्य प्राप्ति नहीं होती।

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