Hindi, asked by bharat9645, 11 months ago


84. इस कलियुग में कृष्ण भावना ही योग की सर्वोत्तम
पद्धति क्यों है ? (भगवद्गीता 6.20-22)
क. क्योंकि इसमें कठिन शारीरिक व्यायाम की आवश्यकता
नहीं।
ख. क्योंकि इसमें घंटों तक नाक की नोक पर ध्यान केन्द्रित
करने
की आवश्यकता नहीं।
ग. क्योंकि कलियुग में ध्यानयोग, ज्ञानयोग और हठयोग का
पालन करने में अनेक समस्याएं हैं।
घ. ऊपर लिखित सभी​

Answers

Answered by namanyadav00795
10

इस कलियुग में कृष्ण भावना ही योग की सर्वोत्तम  पद्धति है |

उत्तर है (घ.) ऊपर लिखित सभी​

Explaination

हमारे शास्त्रों में प्रत्येक युग में युगधर्म को बताया है | युगधर्म उस युग के लिए उपयुक्त भगवतप्राप्ति का साधन होता है |

सतयुग के लिए ध्यान योग

त्रेता युग के लिए यज्ञ

द्वापर युग के लिए अर्चा विग्रह की सेवा करना (Deity Worship)

और कलयुग के लिए हरिनाम संकीर्तन ( Krishna Consciousness ) अर्थात महामंत्र का उच्चारण "हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे, हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे" करना |

क्योंकि कलियुग के लोगों के पास समय का अभाव होता है वह अन्य युगों की भांति ध्यान, यज्ञ आदि नहीं कर सकता | इसलिए इस कलियुग में कृष्ण भावना ही योग की सर्वोत्तम पद्धति है |

यह विधि अत्यंत सरल है और कलियुग के लिए उपयुक्त है | इस विधि में भगवान के नामों का मुख से उच्चारण करना होता है |

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व्यक्ति के जीवन में परिवार एक महत्वपूर्ण समूह है, क्योंकि

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(द) ये सभी।

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Answered by oscargamerop94
4

Explanation:

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