89. 'प्रगतिवाद' किसकी कृति है ?
(A) अमृतराय
(B) शिवदान सिंह चौहान
(C) प्रकाशचन्द्र गुप्त
(D) डॉ. देवराज
Answers
Answered by
1
सही उत्तर है, विकल्प...
(B) शिवदान सिंह चौहान
व्याख्या:✎ ...
“प्रगतिवाद” ‘शिवदान सिंह’ द्वारा रचित कृति है, जिसका प्रकाशन 1946 में प्रदीप कार्यालय, मुरादाबाद से हुआ था।
‘शिवदान सिंह’ हिंदी के वामपंथी विचारधारा के आलोचक रहे हैं। उनकी लेखन शैली पर मार्क्सवादी वामपंथी विचारधारा का अत्यंत प्रभाव रहा है। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के भवानी गांव में हुआ था। शुरु से ही वह मार्क्सवाद से प्रभावित थे और शीघ्र ही वे कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य भी बन गए थे। उनकी प्रथम रचना का प्रकाशन 1938 में हुआ, जिसका नाम ‘रक्तरंजित स्पेन’ था।
‘प्रगतिवाद’ उनकी दूसरी कृति थी, जिसका प्रकाशन 1946 में हुआ। उनकी लगभग 15 रचनायें प्रकाशित हो चुकी हैं।
○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○
Answered by
0
Answer:
B
Explanation:
Similar questions