89. स्थिर-बुद्धि के व्यक्ति को स्थितप्रज्ञ कहते हैं। ऐसा व्यक्ति अपनी इन्द्रियों को कैसे
संयमित करता है ? (भगवद्गीता २.५४-६१)
१. वो शालीन भाषा का प्रयोग करता है, पीठ सीधा करके बैठता है और अपनी चाल तेज रखता
है।र.वो अपने इन्द्रियों को संयमित करने की चेष्टा करते हुए नियमों का पालन करता है और
स्वतंत्रता प्रदान नहीं करता।
३. वो आवश्यकता होने पर कछुवे की तरह इन्द्रियों को संकुचित करता है और उनको भगवान की
सेवा में लगता है
४. वो अष्टांग योग के माध्यम से इन्द्रियों को पूरी तरह से वश में करता है।
५. वो अपने हाथों को भगवान का मंदिर साफ करने में, अपने कानों को भगवान की लीलाओं के
सुनने में, अपनी जीभ को उन्हें अर्पित तुलसी दलों का आस्वाद करने में, अपनी इच्छाओं को
भगवान की इच्छाओं को पूरा करने में लगता है।
क. २,३,४ ग. २,३,५
ख.१,४
घ.२,३,४,५
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इसका उत्तर घ है
hope it is help ful
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इसका उत्तर घ होगा।
I hope my answer is right
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