9. निम्नलिखित गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए- (क) नाटक उस वक्त पास होता है, जब रसिक समाज उसे पसन्द कर लेता है। बरात का नाट है, जब राह चलते आदमी उसे पसन्द कर लेते हैं। नाटक की परीक्षा चार-पाँच घण्टे त की परीक्षा के लिए केवल इतने ही मिनटों का समय होता है। सारी सजावट, सारी दौड़ धूप पाँच मिनटों में हो जाता है। अगर सबके मुँह से वाह-वाह निकल गया तो तमाशा पास नहीं फिक्र सब अकारथ।
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six months ago and I don't know what I want to
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duct tape and I don't know what I want to be
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निम्नलिखित गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए- (क) नाटक उस वक्त पास होता है, जब रसिक समाज उसे पसन्द कर लेता है। बरात का नाट है, जब राह चलते आदमी उसे पसन्द कर लेते हैं। नाटक की परीक्षा चार-पाँच घण्टे त की परीक्षा के लिए केवल इतने ही मिनटों का समय होता है। सारी सजावट, सारी दौड़ धूप पाँच मिनटों में हो जाता है। अगर सबके मुँह से वाह-वाह निकल गया तो तमाशा पास नहीं फिक्र सब अकारथ।
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