9 निम्नलिखित में से किसी एक गद्यांश की संदर्भ-प्रसंग सहित व्याख्या कीजिए
झूरह काछी के दोनों दैलों के नाम थे- हीरा और मोती। दोनों पछाई के थे देखने में सुंदर
में चौकस डील में ऊँचे बहुत दिनों साथ रहते-रहते दोनों में भाई-चारा हो गया था। दोनों अ
सामने बैठे हुए एक दूसरे से मूल भाषा में विचार-विनिमय करते थे। एक-दसरे की बात कैसे
जाने थे हम नहीं कह सकते। अवश्य ही उनमें कोई ऐसी गुण शक्ति थी. जिससे जीवों में
का दावा करने वाला मनुष्य वंचित है। दोनों एक-दूसरे को चाटकर-तूंधकर अपना प्रेम प्रकट
कभी-कभी दोनों सींग भी मिला लेते. विग्रह के नाते से नहीं केवल विनोद के भाव से, आत्मी
भाव से, जैसे दोस्तो में घनिष्ठता होने ही धौल-धप्पा होने लगना है। इसके बिना दोस्ती कुछ
फुसफुसी, कुछ हल्की-सी रहती है. जिस पर ज्यादा विश्वास नहीं किया जा सकता।
अथवा
परित्यक्त चीनी किले से जब हम चलने लगे, तो एक आदमी राहदारी माँगने आया हमने व
चिटें उसे दे दी। शायद उसी दिन हम थोइला के पहले के आखिरी गाँव में पहुंच गए।
सुमति के जान पहचान के आदमी थे और भिख मंगे रीते भी ठहरने अच्छी जगह मिली।
बाद हम इसी रास्ते लौटे थे और भिखमंगे नहीं एक भद्र यात्री के वेश में घोड़ा पर सवार
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