9. "सामाजिक परिवर्तन समाज में सदैव विद्यमान रहता है क्योंकि सभी समाज में कुछ ना कुछ मात्रा में असंतुलन सदैव बना
रहता है" यह परिभाषा किसकी है?
(A) ग्रैहम वेल्स
(B) वेबर
(C) ग्रीन
(D) स्पेगलर
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सही उत्तर है...
➲ (C) ग्रीन
✎... प्रसिद्ध दार्शनिक विचारक के अनुसार सामाजिक परिवर्तन समाज में सदैव विद्यमान रहता है, क्योंकि किसी भी समाज में कुछ ना कुछ मात्रा में असंतुलन सदैव बना रहता है। ग्रीन के मतानुसार सामाजिक परिवर्तन इसलिए होता है क्योंकि हर समाज संतुलन के दौर से निरंतर गुजरता रहता है यानी समाज में हमेशा ऐसी कोई ना कोई संभावना रह जाती है, जो परिवर्तन मांगती है। कुछ व्यक्ति एक संपूर्ण संतुलन की इच्छा रख सकते हैं तो कुछ इसके लिए प्रयास भी करते हैं, इसलिए किसी भी समाज में सामाजिक परिवर्तन एक अवश्यंभावी तत्व बन जाता है।
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