a brief note on
culture and its significance
techniques of tissue in hindi
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i am not able to understand ur question
Explanation:
जैवप्रौद्योगिकी के क्षेत्र में पौधों में आनुवंशिक सुधार, उसके निष्पादन से सुधार आदि में टिशू कल्चर (Tissue Culture) या ऊतक संवर्धन एक अहम भूमिका निभाता हैं. इस तकनीक के उपयोग से पर्यावरण की अनेक ज्वलंत समस्याओं के निराकरण में मदद मिली हैं. पौधों में टिशू कल्चर एक ऐसी तकनीक है जिसमें किसी भी पादप ऊतक जैसे जड़, तना, पुष्प आदि को निर्जर्मित परिस्तिथियों में पोषक माध्यम पर उगाया जाता है. यह पूर्ण शक्तता के सिद्धांत पर आधारित हैं. इस सिद्धांत के अनुसार पौधे की प्रत्येक कोशिका एक पूर्ण पौधे का निर्माण करने में सक्षम हैं. 1902 में हैबरलांट ने कोशिका की पूर्ण शक्तता की संकल्पना दी थी इसलिए इन्हे पौधों के टिशू कल्चर का जनक कहां जाता है.
इस प्रक्रिया में संवृद्धि मीडियम (growth medium) या संवर्धन घोल (culture solution) महत्वपूर्ण है, इसका उपयोग पौधों के ऊतकों को बढ़ाने के लिए किया जाता है क्योंकि इसमें 'जेली' (Jelly) के रूप में विभिन्न पौधों के पोषक तत्व शामिल होते हैं जो कि पौधों के विकास के लिए जरूरी है.
टिशू कल्चर की प्रक्रिया कैसे होती है
1. पौधे के ऊतकों का एक छोटा सा टुकड़ा उसके बढ़ते हुए उपरी भाग से लिया जाता है और एक जेली (Jelly) में रखा जाता है जिसमें पोषक तत्व और प्लांट हार्मोन होते हैं. ये हार्मोन पौधे के ऊतकों में कोशिकाओं को तेजी से विभाजित करते हैं जो कई कोशिकाओं का निर्माण करते हैं और एक जगह एकत्रित कर देते हैं जिसे “कैलस” (callus) कहां जाता है.
2. फिर इस “कैलस” (callus) को एक अन्य जेली (Jelly) में स्थानांतरित किया जाता है जिसमें उपयुक्त प्लांट हार्मोन होते हैं जी कि “कैलस” (callus) को जड़ों में विकसित करने के लिए उत्तेजित करते हैं.
3. विकसित जड़ों के साथ “कैलस” (callus) को एक और जेली (Jelly) में स्थानांतरित किया जाता है जिसमें विभिन्न हार्मोन होते हैं जो कि पौधें के तने के विकास को प्रोत्साहित करते हैं.
4. अब इस “कैलस” (callus) को जिसमें जड़ें और तना है को एक छोटे प्लांटलेट के रूप में अलग कर दिया जाता है. इस तरह से, कई छोटे-छोटे पौधे केवल कुछ मूल पौधे कोशिकाओं या ऊतक से उत्पन्न हो सकते हैं.
5. इस प्रकार उत्पादित प्लांटलेट को बर्तन या मिट्टी में प्रत्यारोपित किया जाता है जहां वे परिपक्व पौधों के निर्माण के लिए विकसित हो सकते हैं.