Hindi, asked by anushka56764, 6 months ago

A essay on gender equality
in hindi​

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Answered by beutyflowers1010
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Answer:

स्त्री एवं पुरुष में यदि अन्तर देखें तो कुछ वे अंतर दिखायी देते हैं जो शारीरिक होते हैं, जिन्हें हम प्राकृतिक अन्तर कहते हैं । इसे लिंग भेद भी कहा जा सकता है किन्तु अधिक अन्तर वे हैं, जिन्हें समाज ने बनाया है ।

चूँकि इस अंतर को समाज ने बनाया है, अत: ये अंतर वर्ग, स्थान व काल के अनुसार बदलते रहते हैं । इस सामाजिक अंतर को बदलने वाली संरचना को जेण्डर कहा जाता है । इसे हम ‘सामाजिक लिंग’ कह सकते हैं ।

जेण्डर शब्द महिला और पुरुषों की शारीरिक विशेषताओं को समाज द्वारा दी गई पहचान से अलग करके बताता है । जेण्डर समाज द्वारा रचित एक आभास है जिससे महिला-पुरुष के सामाजिक अंतर को उजागर किया जाता है । अक्सर भ्रांतियों के कारण जेण्डर शब्द को महिला से जोड़ दिया जाता है ।

जैसे- शिक्षा से सम्बन्धित एक कार्यशाला में चर्चा चल रही थी कि गांव से पाठशाला दूर है तथा बीच में गन्ने के खेत एवं थोड़ा सा जंगल है तो शिक्षा की व्यवस्था कैसी होगी ? तब एक प्रतिभागी ने उत्तर दिया कि बालकों को तो कोई समस्या नहीं होगी किन्तु बालिकाओं को समस्या आयेगी । वह इतनी दूर कैसे जायेगी, उसकी सुरक्षा से सम्बन्धित समस्याएं आयेंगी

Answered by Swaranikasatpathy
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Explanation:

स्त्री एवं पुरुष में यदि अन्तर देखें तो कुछ वे अंतर दिखायी देते हैं जो शारीरिक होते हैं, जिन्हें हम प्राकृतिक अन्तर कहते हैं । इसे लिंग भेद भी कहा जा सकता है किन्तु अधिक अन्तर वे हैं, जिन्हें समाज ने बनाया है ।

चूँकि इस अंतर को समाज ने बनाया है, अत: ये अंतर वर्ग, स्थान व काल के अनुसार बदलते रहते हैं । इस सामाजिक अंतर को बदलने वाली संरचना को जेण्डर कहा जाता है । इसे हम ‘सामाजिक लिंग’ कह सकते हैं ।

जेण्डर शब्द महिला और पुरुषों की शारीरिक विशेषताओं को समाज द्वारा दी गई पहचान से अलग करके बताता है । जेण्डर समाज द्वारा रचित एक आभास है जिससे महिला-पुरुष के सामाजिक अंतर को उजागर किया जाता है । अक्सर भ्रांतियों के कारण जेण्डर शब्द को महिला से जोड़ दिया जाता है ।

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