a essay on moon in hindi
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और इसको देख कर दिल खुश हो जाता है. कुछ लोग प्यार से इसको चंदा ममो कहते हैं और कुछ लोग कहते हैं के चाँद पर एक बोद्धी औरत रहती हे.पुराने वक़्तों मे बोहट से लूग इसकी पूजा भी करते थे, और चाँद को भगवान माना जाता था क्यूँ रात के अंधरे मे यह लोगों की मदद करता था.अमेरिका पहले मुल्क था जो एक इंसान को 1969 मे चाँद पेर बहज सका, आज चीन भी यही कोशिश कर रहा हे. मेरा भी दिल करता हे के मे चाँद पेर जाओ और चंदा मामू से मिल सकों
चाँद, चंद्रमा या बच्चों की भाषा में कहा जाए तो चंदा मामा। ऐसे अनेक नामों से हम चाँद को जानते है। यह हमें दूर आकाश में दिखाई देता है। यह हमारे पृथ्वी ग्रह का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह है। यह लगातार पृथ्वी के चक्कर काटता रहता है। इसे पृथ्वी की एक परिक्रमा पूरी करने में 27.3 दिन लगते है। और इसी कारण यह चौदह दिन हमें घटता हुआ प्रतीत होता है। इस पक्ष को कृष्ण पक्ष कहा जाता है। इस पक्ष की अंत में चाँद पूरी तरह से दिखाई नहीं देता तब उस दिन को हम अमावस्या कहते हैं। तथा अगले चौदह दिन चाँद बढ़ता हुआ प्रतीत होता है। इस पक्ष को शुक्ल पक्ष कहा जाता है। और इस पक्ष के अंत में चाँद पूरा गोल दिखाई देता है, उस दिन को हम पूर्णिमा कहते हैं। जब चन्द्रमा अपनी कक्षा में घूमता हुआ सूर्य और पृथ्वी के बीच से होकर गुजरता है और सूर्य को पूरी तरह ढक लेता है तो उसे सूर्यग्रहण कहते है।
चंद्रमा की उत्पत्ति का कारण थिया नामक उल्का है। ऐसा माना जाता है कि अरबों साल पहले एक बड़ा ग्रह पृथ्वी से टकराया और पृथ्वी का एक हिस्सा टूट कर अलग हो गया। और चाँद का जन्म हुआ। पृथ्वी से चाँद की दूरी लगभग 384,403 किलोमीटर है। चंद्रमा की गुरुत्वाकर्षण शक्ति पृथ्वी से कम होती है। और इसलिए चांद पर मनुष्य का वजन 16.5 % कम होता है। पृथ्वी से चंद्रमा का केवल एक हिस्सा दिखाई देता है।
पौराणिक कथाओं में चाँद का अपना महत्व है। करवा चौथ वाले दिन विवाहित महिलाएँ चाँद को देखकर ही व्रत खोलती है। तथा मुस्लिम धर्म के लोग भी ईद भी चाँद को देखने के बाद ही मनाते हैं। इसके अलावा चाँद ज्योतिषशास्त्र में भी विशेष महत्व रखता है।