Hindi, asked by Akankshaxoxo, 1 year ago

A hindi poem on Deforestation.....

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Answered by Echo
18
सुनो-सुनो क्या नानी कहतीहवा सुहानी अब ना बहती
पेड़ों से जो थी हरियालीघर का आँगन अब है खाली
चिड़ियाँ अब ना गीत सुनातीघर आँगन में अब ना आती
पेड़ों के कट जाने सेरूठे बादल बरसाने से
धरती माँ अब बाँझ हुईघनघोर अँधेरी साँझ हुई
पंछी का रैन बसेरा छूटामीठा था जो ख़्वाब वो टूटा
विष में घुलती वायु हैघटती मानव की आयु है
पेड़ों से मानव प्यार करोमित्रों सा व्यवहार करो
पेड़ लगाकर मानव तुमखुद अपना उपकार करो.

Echo: Sorry, it is a little clubbed up
Answered by devtaxak6g24193apsba
2

Answer:

सुनो-सुनो क्या नानी कहती

हवा सुहानी अब ना बहती ॥1॥

पेड़ों से जो थी हरियाली

घर का आँगन अब है खाली ॥2॥

चिड़ियाँ अब ना गीत सुनाती

घर आँगन में अब ना आती ॥3॥

पेड़ों के कट जाने से

रूठे बादल बरसाने से ॥4॥

धरती माँ अब बाँझ हुई

घनघोर अँधेरी साँझ हुई ॥5॥

पंछी का रैन बसेरा छूटा

मीठा था जो ख़्वाब वो टूटा ॥6॥

विष में घुलती वायु है

घटती मानव की आयु है ॥7॥

पेड़ों से मानव प्यार करो

मित्रों सा व्यवहार करो ॥8॥

पेड़ लगाकर मानव तुम खुद अपना उपकार करो.

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