a Hindi poem on Swaraj
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ना दान चाहिए, ना भीख चाहिए
हमें स्वराज चाहिए, हमें स्वराज चाहिए
लोकतंत्र बना आज लूटतंत्र
फूंका हो जैसे किसी ने मन्त्र
रिश्वत का हो गया एक यंत्र
भ्रष्टाचार मुक्त भारत चाहिए
ना दान चाहिए, ना भीख चाहिए
हमें स्वराज चाहिए, हमें स्वराज चाहिए
न्याय के लिए भटकती प्रजा
बेगुनाहों को मिल रही सजा
कोई तो बताये हमारी खता
हमें न्याय का अधिकार चाहिए
ना दान चाहिए, ना भीख चाहिए
हमें स्वराज चाहिए, हमें स्वराज चाहिए
जर्जर सड़क देख दुखता है मन
सालों से अधूरा पाठशाला भवन
पानी बिजली नहीं पहुंची जन जन
हर गांव में हमें विकास चाहिए
ना दान चाहिए, ना भीख चाहिए
हमें स्वराज चाहिए, हमें स्वराज चाहिए
हमें स्वराज चाहिए, हमें स्वराज चाहिए
लोकतंत्र बना आज लूटतंत्र
फूंका हो जैसे किसी ने मन्त्र
रिश्वत का हो गया एक यंत्र
भ्रष्टाचार मुक्त भारत चाहिए
ना दान चाहिए, ना भीख चाहिए
हमें स्वराज चाहिए, हमें स्वराज चाहिए
न्याय के लिए भटकती प्रजा
बेगुनाहों को मिल रही सजा
कोई तो बताये हमारी खता
हमें न्याय का अधिकार चाहिए
ना दान चाहिए, ना भीख चाहिए
हमें स्वराज चाहिए, हमें स्वराज चाहिए
जर्जर सड़क देख दुखता है मन
सालों से अधूरा पाठशाला भवन
पानी बिजली नहीं पहुंची जन जन
हर गांव में हमें विकास चाहिए
ना दान चाहिए, ना भीख चाहिए
हमें स्वराज चाहिए, हमें स्वराज चाहिए
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