Hindi, asked by american1251, 9 months ago

a hindi poem on women enpowerment

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Answered by vidhi3877
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Answer:

पढ़ी लिखी तो क्या हुआ, हो तो तुम लड़की

जॉब कर ली तो क्या हुआ, हो तो तुम लड़की।

रात का अँधेरा है तुम्हारे लिए खतरनाक,

तुमसे ही ऊंची नीची होती खानदान की नाक।

मत भूलो, न समाज बदला है न ही हमलोग,

बेटियाँ आज भी है बाप के कंधो का बोझ।

आज भी रात को बाहर निकलने से पहले पड़ता हमें है सोचना,

बाप के चेहरे पर उड़ती है हवाई और माँ का सौ बार पूछना।

बेटा जवान तो बाप का सहारा

बेटी जवान तो बाप ‘बेचारा’।

लड़की ज्यादा पढ़ लिख ली तो अच्छा रिश्ता कहाँ से आएगा,

लड़का जितना पढ़े , दहेज़ से उतना घर भर जाएगा।

कहीं कभी कोई लड़की छिड़ी तो “दोषी” लड़की ही होगी,

ज़रूर कपड़े “तंग” होंगे या रात में निकली होगी।

उसके कपड़े नहीं तुम्हारी मानसिकता “तंग” है,

अपने अधिकारों की खातिर लड़नी हमें अब जंग है।

आशाओं की किरण दिखी है, सवेरा होना बाकी है,

नयी सुबह की एक किरण, अँधेरा चीरने को काफी है।

बहुत हुआ सम्मान,

अब होगी आरपार की लड़ाई।

बराबरी का हक तुम हमें भीख में क्या दोगे,

पूरी क़ायनात है “हमारी कोखजाई”।

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