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-निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सही विकल्प
चुनकर उत्तर दीजिए-
दक्षिण अफ्रीका से भारत लौट कर महात्मा गांधी ने अहमदाबाद में
साबरमती नदी के किनारे अपना आश्रम बनाया ।यहाँ नरहरि पारिख,
काका कालेलकर और महादेव भाई देसाई के परिवार उनके साथ रहने
लगे।महिलाओं में अवंतिबाई,प्रेमाबाई,दुर्गा बेन और गंगाबेन आदि थीं।
कुछ ही दिनों बाद बापू ने बिहार में चम्पारन के मज़दूरों की दयनीय दशा
का समाचार सुना।वे कस्तूरबा गांधी और दूसरे कुछ लोगों के साथ
चम्पारन पहुँचे। वहाँ अंग्रेज़ बैठे-बैठे खाते और मज़दूरों पर अत्याचार करते
थे। कोई मजदूर उनके खिलाफ बोलने का साहस नहीं करता था। बा,
अवंति बाई के साथ मज़दूरों की बस्तियों में घूमकर औरतों की व्यथा को
समझने की कोशिश करने लगीं। वहाँ दरिद्रता का जो हाल उन्होंने
देखा,उससे उनकी आँखें छलछला आईं। मज़दूर परिवारों में3-3,4-4 स्त्रियों
के बीच एक ही धोती हुआ करती थी, वह भी आधी-अधूरी इसलिए
ज़्यादातर स्त्रियाँ घर के भीतर ही कैद रहती थीं। कोई मिलने आता तो
दरवाज़े से मुँह निकालकर बात करतीं और अंदर चली जाती ।शुरू-शुरू
में बा को लगा कि स्त्रियाँ अपरिचित लोगों को देखकर ऐसा कर रही हैं पर
जब बार-बार उन्होंने ऐसा किया तो उन्हें संदेह हुआ।फिर उन्होंने इसका
कारण पूछा। एक वृद्ध ने उन्हें सच्चाई बताई।जब बापू को इसका पता
चला तो उन्होंने लोगों को चरखा चलाकर खुद अपना कपड़ा तैयार करने
के लिए प्रेरित किया।खादी का यह मन्त्र बा सहित सभी लोगों ने शीघ्र
अपना लिया लेकिन महिलाएँ बापू से शिकायत करती थीं कि खादी की
साड़ी भारी होती है इसलिए इसे पहनना कठिन है। उन्हें समझाने के लिए
बापू कहते हैं, बहनें तो 9-9 महीने तक शिशु को पेट में धारण करती
हैं,फिर क्यों इतना बोझ सहन नहीं कर सकतीं। उन्हें अपनी बहनों की
इज्जत की ख़ातिर इसे पहनना चाहिए। उन्हें यह भारी नहीं लगती
चाहिए। कई औरतें शिकायत करती थीं कि खादी की साड़ियों को धोने में
बहुत दिक्कत होती है। इस पर बापू हँस कर कहते कि वे उनकी साड़ियाँ
धो देंगे। इस तरह धीरे-धीरे सभी ने खादी को अपना लिया और कपड़े की
किल्लत भी दूर होने लगी।
)चम्पारव जाने का कारण था- (1)
क.किसानों की दयनीय दशा
ख-कार्यकर्ताओं की दयनीय दशा
ग-मजदूरों की दयनीय दशा
घ-ग्रामीणों की दयनीय दशा
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Answer:
किसान की दयनीय दशा।
Explanation:
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