A paragraph (80-100 words) on bina soche jo kare so pache pachtaye in hindi
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कवि गिरधर की कुण्डलियां हैं -
बिना विचारें जो करे, सो पाछे पछताय।
काम बिगारै आपनो, जग में होत हसाय।।
जग में होत हसाय, चित्त में चैन न पावै।
खान- पान राग रंग, मनहिं न भावै।।
कह गिरधर कविराय, दुख कछु टरत न टारै।
खटकत हैं जिय माहीं कियो जो बिना विचारै।।
जो व्यक्ति बिना विचारे काम करता हैं, उसे बाद में पछताना पड़ता हैं। हलांकि वह अपना ही काम बिगाड़ता हैं और संसार में हंसी का पात्र बन जाता हैं। संसार में उसकी हंसी उड़ती हैं और उसे कहीं सुख चैन नहीं मिलता। उसका किसी मनोरंजन में मन नहीं लगता, तथा उसका यह दुख टाले नहीं टलता। इस प्रकार जो काम बिना विचार किये किया गया हैं वह हमेशा हृदय में खटकता रहता हैं।
इसलिए हमें कोई भी काम करने से पहले उसका सभी दृष्टिकोण से विश्लेष्ण कर लेना चाहिए। उसके परिणाम पर विचार कर लेना चाहिए उसके बाद उस काम को शुरू करना चाहिए।
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Asha hai ki yah apki madad karega :) :)