( A) read passage and answer..
लोकमान्य तिलक ने न केवल अंग्रेजी शासन के विरुद्ध आवाज उठाई बल्कि उन्होंने समाज सुधारक की भूमिका
भी निभाई। उन्होंने समाज में व्याप्त कुछ कुरीतियों का जमकर विरोध किया। 'बाल विवाह' जैसी कुप्रथाओं की
रोकथाम के लिए उन्होंने आंदोलन चलाया। समाज में स्त्रियों की दशा देखकर वे चिंतित हो उठते थे। उन्होंने स्त्री
शिक्षा को समाज में सुधार लाने का हथियार बनाया। इतना ही नहीं, उन्होंने 'विधवा विवाह' को समाज में मान्यता
में
दिलाने की पुरजोर वकालत की। भारतीय समाज में लोकमान्य तिलक की लोकप्रियता दिन-प्रतिदिन बढ़ रही थी।
इससे वे अंग्रेज सरकार की आँखों में खटकने लगे। परिणाम यह हुआ कि अंग्रेज सरकार उन्हें बार-बार जेल में
डालती रही।
(क) लोकमान्य तिलक ने समाज सुधारक के रूप में कौन-सी भूमिका निभाई?
(ख) लोकमान्य ने किस कुप्रथा को रोकने के लिए आंदोलन चलाया?
(ग) लोकमान्य ने किस प्रथा की पुरजोर वकालत की?
(घ) 'कुरीतियों' शब्द में से मूलशब्द तथा प्रत्यय अलग कीजिए।
(ङ) इस गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए
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बाल गंगाधर तिलक (अथवा लोकमान्य तिलक, मूल नाम केशव गंगाधर टिळक, 23 जुलाई 1856 - 1 अगस्त 1920), एक भारतीय राष्ट्रवादी, शिक्षक, समाज सुधारक, वकील और एक स्वतन्त्रता सेनानी थे। ये भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के पहले लोकप्रिय नेता हुए; ब्रिटिश औपनिवेशिक प्राधिकारी उन्हें "भारतीय अशान्ति के पिता" कहते थे।
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