Hindi, asked by 1lonesailor, 1 year ago

A short common Hindi story (about 10 lines)


1lonesailor: NOO!!! PLZZZ DELETE MY THIS QUESTION!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!

Answers

Answered by inshi
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राष्ट्र के सेवक ने कहा- देश की मुक्ति का एक ही उपाय है और वह है नीचों के साथ भाईचारे का सलूक, पतितों के साथ बराबरी का बर्ताव। दुनिया में सभी भाई हैं, कोई नीच नहीं, कोई ऊँच नहीं।

दुनिया ने जय-जयकार की - कितनी विशाल दृष्टि है, कितना भावुक हदय!

उसकी सुन्दर लड़की इन्दिरा ने सुना और चिन्ता के सागर में डूब गई।

राष्ट्र के सेवक ने नीची जाति के नौजवान को गले लगाया।

दुनिया ने कहा- यह फरिश्ता है, पैगम्बर है, राष्ट्र की नैया का खेवैया है।

इन्दिरा ने देखा और उसका चेहरा चमकने लगा।

राष्ट्र का सेवक नीची जाति के नौजवान को मन्दिर में ले गया, देवता के दर्शन कराए और कहा - हमारा देवता गरीबी में है, ज़िल्लत में है, पस्ती में है।

दुनिया ने कहा- कैसे शुद्ध अन्त:करण का आदमी है! कैसा ज्ञानी!

इन्दिरा ने देखा और मुस्कराई।

इन्दिरा राष्ट्र के सेवक के पास जाकर बोली- श्रद्धेय पिताजी, मैं मोहन से ब्याह करना चाहती हूं।

राष्ट्र के सेवक ने प्यार की नज़रों से देखकर पूछ- मोहन कौन है?

इन्दिरा ने उत्साह भरे स्वर में कहा- मोहन वही नौजवान है, जिसे आपने गले लगाया, जिसे आप मन्दिर में ले गए, जो सच्चा, बहादुर और नेक है।

राष्ट्र के सेवक ने प्रलय की आंखों से उसकी ओर देखा और मुँह फेर लिया।

- प्रेमचंद

Answered by dipalipuja2006
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एक समय की बात है, एक राजा ने एक पालतू बन्दर को अपने सेवक के रूप में रखा हुआ था। जहाँ – जहाँ राजा जाता, वह बन्दर भी उसके साथ जाता। राजा के दरबार में उस बन्दर को राजा का पालतू होने के कारण कोई रोक – टोक नहीं थी। एक गर्मी के मौसम के दिन राजा अपने शयन पर विश्राम कर रहा था। वह बन्दर भी शयन के पास बैठ कर राजा को एक पंखे से हवा कर रहा था। तभी एक मक्खी आई और राजा की छाती पर आकर

बैठ गयी। जब बन्दर ने उस मक्खी को बैठा देखा तो उसने उसे उड़ाने का प्रयास किया। हर बार वो मक्खी उड़ती और थोड़ी देर बाद फिर राजा की छाती पर आ कर बैठ जाती। यह देख कर बन्दर गुस्से से लाल हो गया। गुस्से में उसने मक्खी को मारने की ठानी। फिर वो बन्दर मक्खी को मारने के लिए हथियार ढूडने लगा। कुछ दूर ही उसे राजा की तलवार दिखाई दी। उसने वो तलवार उठाई और गुस्से में मक्खी को मारने के लिए पूरे बल से तलवार राजा की छाती पर मार दी। इससे पहले की तलवार मक्खी को लगती, मक्खी वहाँ से उड़ गयी। बन्दर के बल से किये गए वार से मक्खी तो नहीं मरी मगर उससे राजा की मृत्यु अवश्य हो गयी।

इसलिए कहते है कि मूर्ख को अपना सेवक बनाने में कोई भलाई नहीं!

hope it will help you ✌️

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